कोरोना संक्रमण को लेकर महाराष्ट्र में लॉकडाउन 15 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ ज़िलों में पाबंदियों में ढील दी गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन ज़िलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट दस फ़ीसदी से कम होगी और ऑक्सीजन बेड 60 फ़ीसदी से ज़्यादा खाली होंगे वहाँ प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। जिन ज़िलों में मामले बढ़ रहे हैं वहाँ और पाबंदियाँ लगाई जाएँगी। हालाँकि, कुछ ज़िलों में सख्ती कम किए जाने के साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेताया है कि कोरोना की तीसरी लहर का ख़तरा है और इस वजह से सुरक्षा उपायों को कम नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री की इस चेतावनी का सीधा मतलब यह है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें और मास्क लगाने जैसे सुरक्षा उपायों के प्रति लापरवाही नहीं बरतें। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए तैयारी कर रही है।
उद्धव ठाकरे ने रविवार देर शाम को राज्य में लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि तीसरी लहर कब और किस तारीख़ को आएगी, इसलिए हमें अपने बचाव को कम नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि राज्य कोरोना संक्रमण की तीसरी गंभीर लहर की चपेट में आता है तो चिकित्सा ऑक्सीजन के संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर तीसरी लहर अधिकत तेजी से आती है तो हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति में समस्या होगी क्योंकि इस बार हमें रोजाना 1700 मीट्रिक टन की ज़रूरत होगी।'
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तीसरी लहर बच्चों को संक्रमित कर सकती है। लेकिन किसी को चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि उनके पास अधिक इम्यूनिटी है। लेकिन अगर वे संक्रमित हो जाते हैं तो यह हमारे को भी संक्रमित करेगा। इसलिए हमें इसका ख्याल रखना होगा।
उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'पिछले तीन-चार दिनों में संख्या पिछली लहर के शिखर से मेल खाती है। लेकिन एक अच्छी बात यह है कि रिकवरी रेट (यानी ठीक होने वाले मरीज़ों की दर) 92 प्रतिशत है। यहां तक कि मृत्यु दर भी कम हो गई है।'
उन्होंने कहा है कि हालाँकि शहरों में पॉजिटिव केसों की संख्या कम हो रही है, लेकिन राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में यह बढ़ रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र अपने सभी नागरिकों का टीकाकरण करने के लिए तैयार है। विदेशों में कोर्स करने वाले छात्रों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'टीके दिन-रात लगाए जा सकते हैं लेकिन टीकों के उत्पादन में भारी कमी है। मुझे बताया गया है कि जून तक और टीके उपलब्ध कराए जाएँगे।'
मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक ऐसे क़रीब 3000 मामले सामने आ चुके हैं।
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