साक्षी मिश्रा और उनके दलित पति अजितेश के एंगल से कहानी को समझें तो यह साफ़ हो जाता है कि दोनों का ही मक़सद ख़ुद को किसी अनहोनी से बचा कर सुरक्षित ढंग से अपने प्रेम विवाह को जीने का है। साक्षी मिश्रा की कहानी में आख़िर मेरा-आपका रोल क्या है?
भारत में पश्चिमी शिक्षा की नींव रखने का श्रेय लॉर्ड मैकाले को जाता है। इस शिक्षा के कारण ही भारत में पुनर्जागरण हुआ और उसका ही नतीजा था कि भारत में अंग्रेज़ी दासता से मुक्त होने की सुगबुगाहट शुरू हुई।
‘जय श्री राम’ के नारे और गाय के नाम पर ‘भीड़ हिंसा’ की घटनाएँ एक के बाद एक क्यों लगातार बढ़ती जा रही हैं? इसका जवाब हाल की एक अमेरिकी रिपोर्ट, इस पर सरकारी रवैया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में मिल जाएगा।
अगर कोई यह पूछे कि भारत में सबसे ज़्यादा पैंतरेबाज़ राजनीतिज्ञ कौन है तो शायद कुछ लोग लालू यादव का नाम लें तो कुछ मायावती या फिर मुलायम सिंह यादव को भी याद कर सकते हैं। लेकिन मोदी और केजरीवाल का क्या?
कर्नाटक और गोवा में हुए राजनीतिक घटनाक्रम ने नेताओं की कार्यशैली को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दल-बदलू विधायकों के संबंध में सख़्त क़ानून बनाया जाना चाहिए।
एक स्त्री के 'चयन का अधिकार' तभी तक बड़ाई के क़ाबिल है, जब तक वह किसी न किसी धर्म की रूढ़ियों के पैरों तले है और उसके पीछे समर्थन-अनुमोदन करती उन्मादी धार्मिकों की एक भीड़ खड़ी है। ऐसे में महिलाएँ कितनी आज़ाद हैं?
पहले जहाँ भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर में 38 विषयों पर क़ानून बना सकती थी, वहीं अब केंद्र के अधिकार वाले 97 विषयों में से 94 विषयों पर जम्मू-कश्मीर के लिए क़ानून बना सकती है। तो क्या अनुच्छेद 370 की कितनी अहमियत रह गई है?
बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को प्रधानमंत्री ने सख़्त नसीहत देकर यह बताया कि अनुशासनहीनता को क़तई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।