कुछ जानकारों ने दावा किया है कि मोदी ने ऊँची जातियों को दस फ़ीसदी का आरक्षण घोषित करके एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक मार दिया है जिससे 2019 के चुनाव के लिए पूरी हवा उनके पक्ष में बहने लगेगी। क्या डरे हुए नेता मास्टर स्ट्रोक मारते हैं?
पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने माँग की है कि शिवराज चौहान को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री घोषित किया जाए। तो क्या मौजूदा पार्टी नेतृत्व ने से बीजेपी के ही नेता संतुष्ट नहीं हैं?
करतारपुर साहिब तक कॉरिडोर खुलने के बाद अब कश्मीरी हिन्दुओं ने पीओके में शारदापीठ तक कॉरिडोर बनाने की बात उठानी शुरू की है। तो क्या यह करतारपुर साहिब कॉरिडोर जितना आसान होगा?
क्या इस साल देश अपने पुराने रास्ते ल आएगा? क्या संघ हिन्दू राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ पाएगा? क्या राहुल ब्रांड मोदी को पूरी तरह खारिज करा पाएंगे? नया साल इन सवालों का उत्तर देगा।
साम्प्रदायिक ताकतें एकजुट हुईं। बाबरी मसजिद का काण्ड हुआ। अयोध्या के विध्वंस के बाद देश में साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ आन्दोलन की ज़रूरत महसूस की गई। अब यदि देश को बचाना है तो लामबंद होना कितना ज़रूरी है?
देश में ऐसा क्या हो गया है कि लोगों ख़तरा महसूस होने लगा है? क्या स्थितियाँ इतनी ख़राब हो गई हैं कि सचमुच लगने लगा है जैसे हम इस देश में और रह नहीं सकते?
यदि क्रिश्चन मिशेल द्वारा पूछताछ में सोनिया गाँधी का नाम लेने से वे संदिग्ध हो जाती हैं तो सहारा-बिड़ला काग़ज़ात में मोदी जी का नाम आने से वे संदिग्ध क्यों नहीं होते?
इस साल वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के बैन होने के बाद नये ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने कहा था कि हमारी टीम अब स्लेजिंग नहीं करेगी। लेकिन भारत के साथ मैच में टिम पेन ने स्लेजिंग को पुनर्जीवित कर दिया है। जानिए, क्या है स्लेजिंग।
कानून मंत्री ने न्यायपालिका में आरक्षण देने की बात तो कही है लेकिन अब जब सरकार के सिर्फ़ कुछ महीने शेष हैं तो ऐसे में यह चुनाव में वोट बँटोरने के सिवा और कुछ नहीं है।
हमारे ही समाज के बलात्कार बाँकुरों ने बलात्कार की ऐसी नयी प्रविधि खोज कर दिखा दी जो औरत की हत्या से कई गुणे दर्दनाक थी। क्या यह वही दुर्गा-काली वाला हमारा देश है?
क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद अब निचली अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में भी आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। क्या पाँच राज्यों में हार ने बीजेपी को नई रणनीति के लिए मजबूर किया है?
दुनिया के नक़्शे पर एक बार फिर से तालिबान का ख़तरा मँडराने लगा है। वह फिर से शक्तिशाली हो रहा है I उसे अपने आप को नये सिरे से संगठित करने का अच्छा मौक़ा मिल गया।
जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) को आम तौर पर छोटे कारोबारों के लिए नुक़सानदेह माना जाता है। इसके कुछ प्रावधान ऐसे हैं जिनसे छोटे कारोबारी को काम मिलना काफ़ी मुश्किल हो जाता है।
राजनीति, मीडिया या अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को अकसर किनारे लगा दिया जाता है। पुरुष नहीं चाहते कि महिलाएँ उनसे आगे निकलें क्योंकि इससे पुरुषवादी वर्चस्व का अंत हो जाएगा।
बिना ओपिनियन-एग्ज़िट पोल या ज्योतिषीय गणना के मैं यह भविष्यवाणी करता हूँ कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बिहार से उतनी सीटें नहीं मिलेंगी जितनी 2014 में मिली थीं। पूछिए क्यों?