प्रियंका गाँधी के राजनीति में आ जाने के बाद एक बार फिर राजनीति में वंशवाद, परिवारवाद, भाई-भतीजावाद को लेकर बहस छिड़ गई है। दक्षिण भारत की राजनीति में भी परिवारवाद ही हावी है। हालाँकि केरल में स्थिति अलग है।
गठबंधन में वर्षों से साथ-साथ रहने के बावजूद शिवसेना बीजेपी पर लगातार हमले करती रही है और इन दिन वह पहले से ज़्यादा मुखर है। क्या है इसके पीछे की राजनीति?
राहुल ने कहा था कि मनोहर पर्रिकर से मुलाक़ात के दौरान रफ़ाल पर बात हुई थी लेकिन पर्रिकर ने इसे ग़लत बताया था। अब राहुल ने कहा है कि पर्रिकर मोदी के दबाव में हैं।
आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में हर राजनेता अपने प्रतिद्वंद्वी को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़कर राजनीतिक फ़ायदा उठाना चाहता है। इनको मोदी के नाम से क्यों वोट कटने का डर है?