loader

राजस्थान बीजेपी ने 4 मंत्रियों समेत 11 को पार्टी से निकाला

बीजेपी ने राजस्थान में बाग़ी चार मंत्रियों और सात अन्य वरिष्ठ नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर ये नेता बाग़ी हो गए और पार्टी के ख़िलाफ़ अपना नामांकन भर दिया था। राज्य में 7 दिसंबर को चुनाव हैं।राज्य में पार्टी के प्रमुख मदनलाल सैनी ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 11 बाग़ियों को छह साल तक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया है। बता दें कि राज्य में दोनों प्रमुख पार्टियों, बीजेपी और काँग्रेस को बाग़ी नेताओं के तेवर का सामना करना पड़ रहा है। 
पार्टी से टिकट काटे जाने से नाराज़ वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री सुरेंद्र गोयल, हेम सिंह भड़ाना, राजकुमार रिनवा और धन सिंह रावत बाग़ी हो गए हैं। चारों मंत्री बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ इन्डिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
बीजेपी ने बाग़ी होने वाले सात अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी पार्टी से निकाला है। इन नेताओं में लक्ष्मी नारायण दवे, राधेश्याम गंगानगर, रामेश्वर भाटी, कुलदीप धनकड़, डीडी कुमावत, किसनाराम नाई और अनिता कटारा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी के कई बाग़ियों ने अपना नामाँकन भरा है। कई विधायकों ने टिकट नहीं मिलने के बाद पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। बता दें कि कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वसुंधरा राजे की अगुआई वाली बीजेपी को भारी एन्टी-इनकम्बेंसी का सामना करना पड़ रहा है। 

कई बाग़ी नेताओं को मना भी लिया 

बीजेपी ने कई बाग़ी नेताओं को मना भी लिया है। इसमें तीन बड़े नाम हैं। भवानी सिंह राजावत, ज्ञानदेव आहुजा और अनिता सिंह। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर से मिलकर राजावत ने अपना नामाँकन वापस ले लिया। आहुजा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिले और उनको पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया। उन्होंने भी अपना नामाँकन वापस ले लिया।कोटा से पर्चा भरने वाली प्राची दीक्षित और बिकानेर से चम्पालाल गेदर भी मान गए। गेदर ने नामाँकन भरने से पहले अमित शाह से मुलाक़ात की थी। 

कांग्रेस में भी हैं कई बाग़ी

कांग्रेस में कई बाग़ी हैं। दो पूर्व मंत्री, महादेव सिंह खंडेला और बाबूलाल नागर चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं। इसके अलावा, छह पूर्व विधायक, सीएस बैद, संयम लोढ़ा, नथराम सिनोडिया, सीएल प्रमी, भीमराज भाटी, और हाजी अब्दुल कयूम भी कांग्रेस के ख़िलाफ़ उतरे हैं। ये बाग़ी राज्य में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें