हिन्दू मुसलिम विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है और नफ़रत क्यों फैलाई जा रही है? क्या यह सच नहीं है कि हम सब एक ही ईश्वर के मानने वाले हैं और हमारे पूर्वज एक ही थे? क्या ऐसा विवाद कभी था? जानिए इस पर तीसरी कड़ी में दोनों धर्मों के बीच कितनी नज़दीकी रही है।
देश में नफ़रतें फैलाई जा रही हैं और धर्म के नाम पर तनाव फैला कर राजनीतिक लाभ उठाया जा रहा है। ऐसे में, हम सब का कर्तव्य है कि हिन्दू मुसलिम तनाव पैदा करने की कोशिश को नाकाम करें और वह सच सामने पेश करें जिससे दोनों वर्गों के बीच की दूरियाँ कम हों। पेश है इस पर दूसरी कड़ी।
क्या हिंदू और मुसलमान सभी पहले एक ही ईश्वर के मानते थे और क्या सभी के पूर्वज एक ही थे? यदि ऐसा है तो आख़िर हिंदू-मुसलिम के बीच ऐसा फर्क क्यों आया? क्या नफ़रत भी उसी का नतीजा है?
मथुरा में मुसलिम के 'श्रीनाथ डोसा' नाम से स्टॉल पर आख़िर क्यों विवाद हुआ? हिंदू धार्मिक संगठनों ने क्या आपत्ति की थी और उनके ख़िलाफ़ अब एफ़आईआर में क्या आरोप लगाया गया है?
भारतीय समाज में जो विघटन पाकिस्तान तीन दशकों में पैदा नहीं कर सका वह काम भारत में ही रहने वाले 'स्वयंभू राष्ट्रवादियों' ने महज़ एक दशक के भीतर ही नफ़रत फैलाकर कर डाला।
दिल्ली की एक अदालत ने जंतर मंतर पर मुसलिम विरोधी नारेबाज़ी मामले में हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि 'हम तालिबान राज्य में नहीं हैं'।
दिल्ली की एक अदालत ने जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि वीडियो में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया गया है जो अलोकतांत्रिक है।
कानपुर में एक मुसलिम पर हमले और जबरन 'जय श्री राम' के नारे लगवाने के आरोप में गिरफ़्तार तीनों लोगों को शुक्रवार को ज़मानत दे दी गई है। जमानत संबंधित थाने ने ही दी है।
दिल्ली के आदर्श नगर पुलिस थाने के एसएचओ सी पी भारद्वाज हैं को निलंबित कर दिया गया है। क़रीब एक हफ़्ते पहले उन्होंने हिंदुत्वादियों के एक समूह को दिल्ली में एक फ्लाइओवर पर मज़ार के मौलवी को प्रताड़ित करने से रोका था।