निजी जीवन में गाँधीजी कैसे थे, इसके बारे में हमारी इस सीरीज़ में आज हम बात करेंगे उनके वैवाहिक जीवन की। क्या वह अपनी शादी से ख़ुश थे? कस्तूरबा के प्रति उनका व्यवहार कैसा था?
गाँधीजी के जिस मित्र ने उन्हें यह कहकर माँस खाने पर उकसाया कि इससे वह शक्तिशाली और निडर हो जाएँगे वही मित्र उन्हें वेश्या के पास भी ले गया। वहाँ क्या हुआ, पढ़िये उसके बारे में।
क्या कोई कल्पना कर सकता है कि अहिंसा का पुजारी किसी जीव का माँस भी खा सकता है और वह भी एक नहीं, कई-कई बार? क्या आपको पता है कि गाँधी जी ने माँस क्यों खाना शुरू कर दिया था?
क्या आपको पता है कि गाँधीजी ने किशोरावस्था में चोरियाँ की थीं, कभी बीड़ी ख़रीदने के लिए, कभी मँझले भाई का उधार चुकाने के लिए? बाद में उन्होंने इन चोरियों का प्रायश्चित्त क्यों किया?
दो दिन पहले जाने-माने पत्रकार आशुतोष को किसी ने फ़ोन पर धमकी दी कि वह यदि उनको कहीं राह चलते मिल गए तो वह उन्हें जान से मार डालेगा। ऐसे में अब आशुतोष को क्या करना चाहिए?
कुछ ही दिनों में गाँधीजी की 150वीं जयंती आने वाली है और प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी बड़े नेता उनको याद कर दावा करेंगे कि वे गाँधीजी के ही बताए मार्ग पर चल रहे हैं। क्या वे जम्मू-कश्मीर के मामले में ऐसा कर रहे हैं?
क्या भारत का विभाजन टाला जा सकता था? अंत-अंत तक जिन्ना की इच्छा यही थी कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान एक महासंघ का हिस्सा बनकर रहते। लेकिन नेहरू-पटेल जैसे कांग्रेसी नेता इस पर क्यों तैयार नहीं थे?
आज़ादी की लड़ाई के लिए कांग्रेस भी लड़ रही थी और मुसलिम लीग भी। एक समझौते के बाद दोनों साथ आए। लेकिन फिर इसमें दरार पड़ गई। आज़ादी के लिए लड़ रहे थे तो क्यों टूटी कांग्रेस और मुसलिम लीग की 12 साल पुरानी दोस्ती?
यह कहना कि जिन्ना ही पार्टिशन के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार थे, पूरी तरह ग़लत होगा। कारण यह कि अव्वल तो यह बँटवारा जिस दो क़ौमों के सिद्धांत के आधार पर हुआ था, वह जिन्ना का नहीं था।