राम मंदिर से जुड़े बयानों पर भोपाल की बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अज्ञात फ़ोन से धमकियाँ मिल रही हैं। बुधवार सुबह साध्वी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
भले ही मेडिकल साइंस कोरोना की वैक्सीन तैयार न कर पाया हो, नेता एक के बाद एक 'अचूक दवा' लॉन्च किए जा रहे हैं। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 'हनुमान चालीसा' पढ़कर कोरोना वायरस को ख़त्म करने की बात कही है।
मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अल्टीमेटम के बावजूद पार्टी को ‘संकट’ में डालने वाले बयानों से बाज़ नहीं आ रही हैं।
इतने सारे सबूतों के बावजूद हमें क्या इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि समझौता और मक्का मसजिद मामलों की ही तरह मालेगाँव मामले में भी सारे अभियुक्त बरी हो जाएँगे?
चुनाव आयोग के प्रतिबंध का सामना कर रहीं भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नए विवाद में घिर गई हैं। बीजेपी के प्रचार वाहन से साध्वी प्रज्ञा की रिकॉर्डिंग चलाये जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति की है।
चुनाव आचार संहिता तोड़ने के लिए चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह से तीन दिन के लिए प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। सवाल यह है कि उनके चुनाव प्रचार क्यों बार-बार विवाद खड़े हो रहे हैं?
साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। वे मालेगाँव धमाका मामले में मुख्य अभियुक्त हैं। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ले. कर्नल पुरोहित से पूछा था कि यदि वह निर्दोष हैं तो डर क्यों रहे हैं?
ले. कर्नल पुरोहित अभिनव भारत की बैठकों में भाग लेते रहे, इसके ऑडियो-वीडियो सबूत मौजूद हैं, इसलिए पुरोहित इससे इनकार नहीं कर सकते, न ही उन्होंने ऐसा किया है।
मालेगाँव धमाकों को लेकर ले. कर्नल पुरोहित ने अपने बचाव में उस ख़त का भी हवाला दिया जो उन्होंने इंटेलिजेंस अधिकारी को लिखा था। इसमें उन्होंने बताया था कि आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार का भी ही हाथ था।
मानवाधिकार आयोग ने 2015 में साफ़ तौर पर कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को यातना दिये जाने का कोई सबूत नहीं है तो प्रज्ञा अब फिर से क्यों कथित यातना दिये जाने की बात उछाली?
प्रज्ञा सिंह के बयान के बाद शहीद हेमंत करकरे को सोेशल मीडिया की 'चौकीदार सेना' द्वारा लगातार गालियाँ देने वाले लोग आखिर कौन हैं? इस मुद्दे देखिए वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह की रिपोर्ट।