Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। उमर ने मोदी सरकार से पूछा- तालिबान आतंकी हैं या नहीं? । तालिबान ने कहा - कश्मीर पर हम नहीं करने वाले हैं हस्तक्षेप
अफ़ग़ानिस्तान की हुकूमत पर काबिज होने के लिए तालिबान जब तेज़ी से क़दम बढ़ा रहा था तभी से यह सवाल सबके मन में था कि क्या तालिबान इस अजेय किले को इस बार भेद पाएगा।
23 जुलाई को जो बाइडन और अशरफ़ ग़नी के बीच टेलीफ़ोन पर बातचीत हुई, जिसमें अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान हज़ारों अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को अफ़ग़ानिस्तान भेज रहा है।
एक दिलचस्प घटनाक्रम में रूस और चीन ने उस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव से दूरी बना ली, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण मान लिया गया है। क्या है मामला?
अमेरिकी वापसी के बाद भी अफ़ग़ानिस्तान में शांति की उम्मीद कम क्यों दिखाई देती है? कई गुटों में भिड़ंत की आशंका है। हथियारों का जो ज़खीरा अमेरिकी अपने पीछे छोड़ गए हैं, वह कई नए हिंसक गुट पैदा कर देगा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप जैसे नेताओं की आलोचनाओं के बाद मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फौज़ों की वापसी के अपने फ़ैसले की खुद से ही जमकर तारीफ़ की है। जानिए उन्होंने क्या-क्या कहा...
तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर तो कब्जा कर लिया, लेकिन क्या अब उनकी आगे की राह आसान है? वे भूखमरी, ग़रीबी, आर्थिक संकट जैसी चुनौतियों का सामने कैसे करेंगे?
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब आधिकारिक तौर पर सत्ता में तालिबान ही है। चीन, रूस जैसे देशों के अलावा पश्चिमी देश भी तालिबान को कट्टर इसलामिक पद्धति मानकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत को क्या रुख अपनाना चाहिए?
2001 में अफ़ग़ानिस्तान की सरज़मीं पर पांव रखने वाले अमेरिका ने सोमवार की रात को इस मुल्क़ को पूरी तरह छोड़ दिया। इसके बाद तालिबानियों ने जमकर फ़ायरिंग की और जश्न मनाया।
अमेरिका भाग गया। बेलगाम तालिबान। कैसे चलेगा अफगानिस्तान? अब तो भारत ने भी तालिबान से बात कर ली। क्या है आगे का रास्ता? आलोक अड्डा में वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार हारून रशीद, बीबीसी हिंदी के पूर्व संपादक शिवकांत, वरिष्ठ पत्रकार हिसाम सिद्दीकी, आशुतोष और हिमांशु बाजपेई
अमेरिका ने तय समय से पहले ही अफगानिस्तान छोड़ दिया .आज काबुल में तालिबान ने जश्न मनाया .सुरक्षा परिषद भी तालिबान पर नर्म पड़ा है .अब आगे क्या होगा ?आज की जनादेश चर्चा शाम सात बजे
क़तर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के प्रतिनिधि शेर मुहम्मद अब्बास स्तेनकज़ई से मुलाक़ात की और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ नहीं होना चाहिए।
अमेरिकी सेना की अफ़ग़ानिस्तान से वापसी से पहले अमेरिका द्वारा इसलामिक स्टेट खुरासान को निशाना बनाकर रविवार को किए गए ड्रोन हमले में आम अफ़ग़ान नागरिकों के मारे जाने की ख़बर है। दावा किया गया है कि एक परिवार के 10 लोग मारे गए हैं।