तेज़ी से बदल रहे राजनीतिक हालात के बीच बीजेपी की कोशिश एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करने की है। लेकिन किसान आंदोलन उसके गले की फांस बन गया है।
हाल में 13 राज्यों में 29 विधानसभा सीटों और 3 लोकसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी को आख़िर क्यों हिला कर रख दिया है? जानिए, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग क्या लिखते हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी में पिछड़ी जाति के बड़े चेहरे केशव प्रसाद मौर्य के ताज़ा बयान के बाद बीजेपी में सीएम के चेहरे को लेकर बहस छिड़ गई है।
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किसानों के साथ ही विपक्ष भी योगी सरकार के ख़िलाफ़ मैदान में डट गया है। इससे बीजेपी को 2022 के चुनाव में राजनीतिक नुक़सान हो सकता है।
बीजेपी ने पंजाब सरकार में 15 मंत्रियों के शामिल करने के थोड़ी देर बाद ही उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इससे क्या बीजेपी को अगले विधानसभा चुनाव में कोई मदद मिलेगी?