loader

मायावती से ‘मुक़ाबले’ के लिए बेबी रानी मौर्य को ‘तैयार’ कर रही बीजेपी

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी इन दिनों ओबीसी और दलित जातियों के बीच में तो सम्मेलन कर ही रही है, वह तमाम जातियों के बीच से अपने नेताओं को भी तैयार कर रही है, जिससे वे अपनी जाति के ज़्यादा से ज़्यादा वोट पार्टी के लिए बटोर सकें। 

ऐसी ही एक नेता हैं, बेबी रानी मौर्य। बेबी रानी मौर्य को इन दिनों उत्तर प्रदेश बीजेपी के कार्यक्रमों में जाटव उपनाम के साथ विशेष जगह दी जा रही है। यह बात सही है कि पार्टी ने उन्हें अहम ओहदों पर भी बैठने का मौक़ा दिया है। 

आगरा की मेयर रहीं बेबी रानी मौर्य को पार्टी ने 2018 में उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया था। लेकिन कुछ दिन पहले ही पार्टी ने उन्हें वहां से हटाकर उत्तर प्रदेश के चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसके बाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। 

बेबी रानी मौर्य ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहती हैं कि वह ओरिजनल जाटव हैं और अपने समुदाय के लिए काम करेंगी। 

ताज़ा ख़बरें

दलित समुदाय पर नज़र 

मौर्य को जाटव उपनाम के साथ बीजेपी के कार्यक्रमों में सम्मानित करने और आगे बढ़ाने का सीधा सियासी मतलब उन्हें बीएसपी प्रमुख मायावती के मुक़ाबले में खड़ा करना है। मायावती भी जाटव समुदाय से आती हैं। 

BJP Dalit face Baby rani maurya - Satya Hindi
उत्तर प्रदेश में 22 फ़ीसदी आबादी वाले दलित समुदाय के बीच बीजेपी लगातार सक्रियता बढ़ा रही है। बीजेपी दलितों की तमाम जातियों के बीच सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन कर रही है। जाटव के अलावा पासी, कनौजिया, वाल्मीकि, कोरी, कठेरिया और सोनकर जातियों के बीच भी ये सम्मेलन किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में जाटवों की आबादी 13-14 फ़ीसदी है। ऐसे में यह एक बड़ा वोट बैंक है। मायावती के कई बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने के पीछे कारण इस समुदाय का उनके पक्ष में पूरी ताक़त के साथ खड़े रहना है।

बीजेपी इन दिनों कई जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों में बेबी रानी मौर्य को प्रमुख जाटव चेहरे के रूप में पेश कर रही है। इससे उसे फ़ायदा भी होगा क्योंकि पार्टी के पास ऐसा कोई बड़ा दलित नेता उत्तर प्रदेश में नहीं है, जो मायावती को चुनौती दे सके। 

BJP Dalit face Baby rani maurya - Satya Hindi
बेबी रानी मौर्य इन कार्यक्रमों में दलित समुदाय के लोगों से अपील करती हैं कि वे बीजेपी को 350 सीटें जिताने के लिए पूरी ताक़त झोंक दें। वह कहती हैं कि दलित समुदाय को बीजेपी में ही सबसे ज़्यादा सम्मान मिलता है। मिसाल के तौर पर वह ख़ुद को सामने रखती हैं। 
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

अब तक अवध, पश्चिम, कानपुर और गोरखपुर मंडलों में इस तरह के कार्यक्रम हो चुके हैं। आने वाले दिनों में वाराणसी, आगरा में भी ऐसे ही कार्यक्रम होंगे। 

बीजेपी के दलित मोर्चा के नेताओं ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि बेबी रानी मौर्य के स्वागत में ऐसे कार्यक्रम जिला स्तर पर भी होंगे। 

उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी ख़ासा सक्रिय है और प्रदेश बीजेपी के पदाधिकारियों की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लगातार बैठकें चल रही हैं। इसके अलावा भी कई अन्य कार्यक्रमों को चलाकर बीजेपी ने चुनाव से पहले संगठन को फुर्तीला बना दिया है।  

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें