तमिलनाडु में बाप-बेटे की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि इसमें तीन पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला बनता है। कोर्ट ने बाप-बेटे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह टिप्पणी की है। मंगलवार को ही इस मामले में सुनवाई के लिए तूतुकुड़ी के डीएसपी और अडिशनल एसपी मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच में पहुंचे।
बाप-बेटे की दर्दनाक मौत (पी. जेयाराज और जे. बेनिक्स) के मामले को लेकर तमिलनाडु में ही नहीं, भारत भर में लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। दोनों की साथनकुलम पुलिस स्टेशन में कथित रूप से पुलिस हिरासत में 22 जून को मौत हो गई थी।
गुंडागर्दी पर उतारू पुलिस
इस मामले में पुलिसिया गुंडागर्दी की एक और तसवीर सामने आई है। मद्रास हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट भारतीदसान ने अदालत को लिखे गए शिकायती नोट में कहा है कि साथनकुलम पुलिस स्टेशन के अफ़सरों ने मामले से जुड़े सुबूत ख़त्म कर दिए हैं। इसके अलावा ये लोग जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और इन्होंने जांच कर रही टीम को धमकाने की कोशिश भी की है।
भारतीदसान ने अदालत से कहा है कि पुलिसकर्मियों के विरोध के कारण उन्हें और उनकी टीम को रविवार आधी रात को जांच को बीच में ही छोड़ना पड़ा और साथनकुलम पुलिस स्टेशन से बाहर निकलना पड़ा।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, मजिस्ट्रेट ने कहा है कि जब न्यायिक टीम ने डेली रजिस्टर और कुछ अन्य डॉक्यूमेंट्स मांगे तो एएसपी डी. कुमार और डीएसपी प्रथापन ने उनकी टीम में शामिल सहयोगियों को गालियां दीं और धमकाने की कोशिश की।
‘खून से भीगे थे कपड़े’
इससे पहले रिश्तेदारों ने कहा था कि जेयाराज और बेनिक्स बुरी तरह घायल थे और उनके कपड़े खून से भीगे हुए थे। उन दोनों के कपड़े कई बार बदले गए लेकिन फिर भी वे खून से तरबतर हो रहे थे। मामले की जांच से जुड़े एक सीनियर अफ़सर ने कहा था कि शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों के कपड़े उतारे गए, पूरी रात उन्हें टॉर्चर किया गया और उनके मलाशय में डंडा डाला गया। उन्होंने कहा था कि बेनिक्स का ज़्यादा खून बहा।
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