loader

चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध को राज्य का संरक्षण तो नहीं: अखिलेश

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग की वेबसाइट को कथित तौर पर हैक किए जाने की ख़बरों पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि ऐसे घपलों के लिए पूरे राज्य में जाँच होनी चाहिए। उन्होंने आशंका जताई है कि कहीं इसे सरकार से संरक्षण प्राप्त तो नहीं है।

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया उस ख़बर पर आई है जिसमें अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट को हैक करने और सैकड़ों फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप में 24 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया है। बीसीए की डिग्री रखने वाले आरोपी विपुल सैनी को दो दिन पहले सहारनपुर ज़िले से गिरफ्तार किया गया। इसी को लेकर अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है। 

आरोपी विपुल सैनी को 11 अगस्त को सहारनपुर साइबर सेल ने गिरफ्तार किया था। 12 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। आज चुनाव आयोग की एक टीम जाँच करने के लिए सहारनपुर पहुँची।

फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए जाने के इस मामले की प्रारंभिक जाँच के दौरान पुलिस ने पाया है कि सैनी ने मध्य प्रदेश के अरमान मलिक नाम के एक व्यक्ति के इशारे पर काम किया और तीन महीनों में 10,000 से अधिक फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए।

सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस चन्नप्पा ने पीटीआई को बताया कि सैनी को प्रति आईडी 100-200 रुपये का भुगतान किया गया था और गिरफ्तारी के बाद जब उसके बैंक खाते की जाँच की गई तो पुलिस ने उसमें 60 लाख रुपये जमा पाए। पुलिस ने उसका लैपटॉप भी जब्त कर लिया है। खाते को तुरंत फ्रीज कर दिया गया।

पुलिस पैसे के स्रोत की जाँच कर रही है और मलिक के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने सैनी के घर से दो कंप्यूटर जब्त किए हैं।

ताज़ा ख़बरें
पुलिस ने यह भी कहा कि दिल्ली के अधिकारी अब उसे आगे की जांच के लिए दिल्ली ले जाने के लिए अदालत से अनुमति मांगेंगे। उन्होंने कहा कि यह भी जांच की जाएगी कि क्या वह राष्ट्र विरोधी या आतंकवादी ताक़तों से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक़ सैनी ने सहारनपुर जिले के गंगोह गांव से बीसीए पूरा किया।
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
सहारनपुर के थाना नकुड़ क्षेत्र के मच्छराखेड़ी का रहने वाला विपुल सैनी मध्य प्रदेश के हरदा के रहने वाले अपने दोस्त अरमान मलिक के साथ मिलकर काम करता था। रिपोर्टों में कहा गया है कि अरमान मलिक के कहने पर ही उसने आयोग की वेबसाइट को हैक किया था। आरोपी पिछले 3 महीने से भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में घुसपैठ कर रहा था।
सवाल उठ रहा है कि क्या बीसीए करने वाला गांव का एक सामान्य युवक चुनाव आयोग की बेहद सुरक्षा वाली वेबसाइट को हैक कर सकता है? क्या चुनाव आयोग की वेबसाइट इतनी आसानी से हैक की जा सकती है? बहरहाल, इन सवालों के जवाब तो जाँच में मिल सकते हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें