लगातार महिलाओं पर बर्बरता को लेकर सुर्खियों में रहे उत्तर प्रदेश के उन्नाव में सोमवार सुबह फिर एक महिला ने पुलिस कप्तान के दफ्तर में ख़ुद को आग लगा ली है। इससे पहले शनिवार को फतेहपुर ज़िले में एक युवती के साथ बलात्कार कर उसे जला दिया गया था। पीड़िता को 95 फ़ीसदी जली हालत में कानपुर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
उन्नाव में रेप पीड़िता महिला आरोपी को जमानत मिल जाने से नाराज़ थी और पुलिस से कार्रवाई की माँग कर रही थी। कहीं सुनवाई न होने पर सोमवार को उन्नाव एसपी ऑफ़िस में महिला ने ख़ुद को आग लगा ली। आग लगाने के बाद महिला ख़ुद को बचाने की गुहार लगाती रही जबकि मदद के लिए पुलिस के लोग आगे नहीं बढ़े। बाद में जली महिला को हॉस्पिटल ले जाया गया जहाँ उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
आरोप- नहीं हो रही थी सुनवाई
सोमवार को उन्नाव पुलिस कप्तान विक्रांतवीर के दफ़्तर में ख़ुद को आग लगाने वाली महिला अपने साथ दुष्कर्म करने वालों को ज़मानत मिलने से आहत थी। महिला का कहना था कि उसके मामले में पुलिस ने अभियुक्तों का साथ दिया है जिससे वे जेल से छूट गए हैं और अब वे उसकी व परिवार की जान ले सकते हैं। महिला के साथ पैरवी को गए गाँव के लोगों ने बताया कि तमाम हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कुछ नहीं होने पर पुलिस कप्तान के पास गुहार लगायी गयी थी। उनका दावा है कि महिला को गिड़गिड़ाने के बाद भी पुलिस कप्तान से मिलने नहीं दिया जा रहा था।
उधर मामले से एक बार फिर से कटघरे में आई उन्नाव पुलिस ने अब मामले को दूसरा रंग देना शुरू कर दिया है। उन्नाव पुलिस का कहना है कि महिला ने 2 अक्टूबर को अपने वर्षों पुराने परिचित अवधेश सिंह के ख़िलाफ़ बलात्कार का एक मामला दर्ज कराया था।
महिला के मुताबिक़ अवधेश सिंह ने शादी का प्रलोभन देकर उनसे रिश्ते बनाए थे। बाद में वह शादी से मुकर गया। पुलिस ने मुक़दमा लिखकर अवधेश सिंह के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर कर दी है। हाईकोर्ट से आरोपी अवधेश सिंह अग्रिम ज़मानत पर है और प्रकरण की जाँच की जा रही है।
सरकार का दावा क्या ठीक?
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों से अपराध और ख़ासकर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपने चरम पर है। प्रदेश सरकार अपराध की रोकथाम में जुटने की बजाय पूर्ववर्त्ती सरकार के आँकड़े या बयान दिखाकर मामले को हल्का करने में लगी है। उन्नाव में ताबड़तोड़ घटनाओं के बाद आला अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाय छोटे अफ़सरों को नापा गया। यही हाल प्रदेश में बाक़ी जगहों का है।
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