loader

यूपी: सपा के बाद कांग्रेस ने लगाये पोस्टर, योगी-मौर्य को बताया दंगाई

उत्तर प्रदेश में चल रहे होर्डिंग-पोस्टर विवाद में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के दौरान यूपी सरकार द्वारा सार्वजनिक संपत्ति के नुक़सान की वसूली वाले होर्डिंग के जवाब में समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी लखनऊ में होर्डिंग लगा दिये थे। अब सपा से एक क़दम आगे जाते हुए कांग्रेस ने सीधे मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को दंगाई बताने वाले पोस्टर लखनऊ में कई जगहों पर लगा दिये हैं। 

योगी सरकार द्वारा शुक्रवार को रिकवरी अध्यादेश लाया गया है। इस अध्यादेश का नाम रिकवरी ऑफ़ पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी 2020 है।  अध्यादेश के मुताबिक़, अब किसी धरना-प्रदर्शन या आंदोलन में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति ऐसा करने वालों से ही की जाएगी।

ताज़ा ख़बरें

योगी सरकार को दी चुनौती  

सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के बाद कांग्रेस सक्रिय हो गई और उसने लखनऊ में कई जगहों पर पोस्टर लगा दिये। कांग्रेस ने सरकार को उसके घर में ही घेरते हुए बीजेपी कार्यालय पर पोस्टर लगाकर योगी सरकार को चुनौती दी। इसके अलावा अंबेडकर प्रतिमा, नगर निगम कार्यालय, दारूलशफा, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित दर्जनभर जगहों पर योगी सरकार द्वारा लगाये गये पोस्टर्स के समानांतर पोस्टर लगाये गये हैं। ये पोस्टर कांग्रेस के युवा नेता सुधांशु वाजपेयी और लालू कन्नौजिया के द्वारा लगाये गये हैं। 
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि योगी सरकार द्वारा लाया गया रिकवरी अध्यादेश संविधान प्रदत्त निजता के अधिकार को चुनौती है और सीधे-सीधे जनादेश का दुरुपयोग है। उनके मुताबिक़, संविधान में विधायिका को जो विशेषाधिकार दुर्लभतम परिस्थितियों के लिए दिये गये हैं, योगी सरकार उनका उपयोग निजी अहंकार को तुष्ट करने के लिए कर रही है। 

कांग्रेस नेताओं ने कहा है मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित बीजेपी के कई नेताओं पर भी दंगों के मुक़दमे दर्ज हैं, तब स्वाभाविक रूप से इनसे भी इसी अध्यादेश के तहत वसूली होनी चाहिए।
कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाये गये पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दंगाई बताया गया है। पोस्टर में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के द्वारा दायर चुनावी हलफ़नामे के मुताबिक़ वह गोरखपुर में हुए दंगे के मुख्य अभियुक्त हैं और इसके अलावा उन पर 5 गंभीर मुक़दमे दर्ज हैं। पोस्टर में कहा गया है कि केशव प्रसाद मौर्य पर लोकसभा चुनाव में उनके ही द्वारा दायर हलफ़नामे के मुताबिक़ दंगा करने सहित 11 मुक़दमे दर्ज हैं। 
पोस्टर में बीजेपी विधायक संगीत सोम, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, बीजेपी विधायक उमेश मलिक, बीजेपी नेता साध्वी प्राची, योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा के भी फ़ोटो हैं और इन्हें मुज़फ्फ़रनगर दंगों का अभियुक्त बताया गया है।

कांग्रेस से पहले सपा नेता आईपी सिंह ने गुरुवार रात को राजधानी में बीजेपी नेताओं के फ़ोटो वाले होर्डिंग्स लगाकर बवाल खड़ा कर दिया था। ये होर्डिंग्स सरकार द्वारा सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के फ़ोटो वाले होर्डिंग्स के बिलकुल बगल में लगाए गये थे। इन होर्डिंग्स में दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद, दुष्कर्म के मामले में दोषी और बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के फ़ोटो थे। आनन-फानन में लखनऊ पुलिस ने गुरुवार देर रात में ही इन्हें हटा दिया था। होर्डिंग में लिखा था - ‘ये हैं प्रदेश की बेटियों के आरोपी, इनसे रहें सावधान।’ 

Congress put up posters in lucknow Yogi Maurya called Rioter - Satya Hindi
सपा नेता आईपी सिंह ने ये होर्डिंग लगाये थे।
दूसरी ओर, योगी सरकार हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सीएए के विरोध में हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वाले अभियुक्तों के वसूली वाले होर्डिंग हटाने के लिये तैयार नहीं है। जबकि हाई कोर्ट ने उससे इन होर्डिंग्स को 16 मार्च तक हटाने के लिये कहा था। 

होर्डिंग्स लगाने के योगी सरकार के फ़ैसले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और सरकार के इस काम को ग़लत करार दिया था। लेकिन योगी सरकार इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट चली गयी। सुप्रीम कोर्ट से भी योगी सरकार को कोई राहत नहीं मिली थी।  

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
कुमार तथागत

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें