पूरे देश को झकझोर देने वाले कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में अधिकारियों का अब झकझोरने वाला एक वीडियो आया है। वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। उसमें दिख रहा है कि उच्चाधिकारी कथित तौर पर मनीष गुप्ता के परिवार को मुक़दमा लड़ने से हतोत्साहित कर रहे हैं। गोरखपुर के होटल में सोमवार रात पुलिस छापे के दौरान कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी। उनके परिवार वालों ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने उनकी पीट-पीट कर हत्या की है।
शुरुआत में पुलिस कार्रवाई करने से बचती हुई नज़र आई थी लेकिन देश भर में ग़ुस्से और दबाव पड़ने के बाद पुलिस ने कुछ कार्रवाई की। मंगलवार को छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया और फिर बाद में बुधवार को उनमें से 4 के ख़िलाफ़ हत्या का केस दर्ज किया गया है। मृतक की पत्नी मीनाक्षी ने और सख़्त कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।
जब इस मामले ने देश भर में तूल पकड़ा है तभी यह नया वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि कथित तौर पर ज़िला मजिस्ट्रेट परिवार को बता रहे हैं कि एक अदालती मामले में सालों लग जाएंगे। वे कह रहे हैं कि 'मैं आपसे एक बड़े भाई की तरह अनुरोध कर रहा हूँ। आप विश्वास नहीं करेंगे, एक अदालती मामले में सालों लग जाते हैं।'
हालाँकि, यह साफ़ नहीं है कि इस वीडियो को किसने रिकॉर्ड किया है, लेकिन वीडियो देखने से ऐसा लगता है कि मृतक के परिजन उच्चाधिकारी से मिल रहे हैं और उनमें से किसी ने उसे रिकॉर्ड किया है। उस वीडियो में कथित तौर पर गोरखपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट विजय किरण आनंद और पुलिस प्रमुख विपिन टाडा दिख रहे हैं।
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों के नेताओं ने शेयर किया है। समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर कर लिखा है कि 'मनीष गुप्ता की पुलिस द्वारा हत्या किए जाने पर डीएम और एसएसपी परिजनों को एफ़आईआर दर्ज नहीं कराने की सलाह दे रहे हैं'। इसने यह भी लिखा है कि पूरे मामले को सरकार दबाने का प्रयास कर रही है।
निर्दोष की जान लेने के बाद न्याय नहीं देने की बात कर रही है भाजपा सरकार शर्मनाक एवं दुखद!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 29, 2021
गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस द्वारा हत्या किए जाने पर DM और SSP परिजनों को FIR न दर्ज कराने की सलाह देते दे रहे हैं।
पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रही है सरकार। @ANI pic.twitter.com/bdsPMVTrla
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी यूपी पुलिस की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि पुलिस वाले खुद मान रहे हैं कि उनका मनीष गुप्ता से कोई झगड़ा नहीं था इसलिए उन्होंने निर्दोष व्यक्ति की हत्या कर दी है। उन्होंने सवाल उठाया है कि फिर न्याय कैसे मिलेगा?
ये आदित्यनाथ सरकार के अधिकारी हैं।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 29, 2021
कह रहे हैं “FIR न लिखवाओ वरना सालों साल केस चलेगा”
SP महोदय खुद मान रहे हैं “पुलिसवालों का पहले से कोई झगड़ा तो था नही” मतलब साफ़ है की एक निर्दोष व्यक्ति की बिना किसी जुर्म के हत्या कर दी गई। तो FIR क्यों नही? न्याय कैसे मिलेगा? pic.twitter.com/JvD2Fqnyrh
वीडियो में कथित तौर पर पुलिस प्रमुख टाडा भी बोलते हुए दिखते हैं, 'उनकी (पुलिस) की कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। वे वर्दी में गए थे और इसलिए मैं आपको सुबह से सुन रहा हूँ। आपने उन्हें निलंबित करने के लिए कहा और मैंने वह किया। क्लीन चिट मिलने तक उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा।' वीडियो रिकॉर्ड कर रही एक महिला की आवाज़ आती है, 'मुझे नौकरी उनकी नहीं चाहिए, भैया। उनको पूरी तरह से नौकरी से हटाइए। या तो मुझे जान के बदले जान चाहिए।' इस बीच दोनों अधिकारी महिला को रिकॉर्डिंग करने से रोकते हैं। इस मामले में दोनों अधिकारियों की सफ़ाई नहीं आई है।
मनीष की पत्नी का आरोप- मेरा ट्विटर खाता बंद क्यों?
इस मामले में मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने आरोप लगाया है कि उनकी आवाज़ को दबाने के लिए सारे हथकंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। मीडिया के सामने उन्होंने कहा है कि ट्विटर पर अपने जिस एकाउंट के माध्यम से वह आवाज़ उठा रही थीं उसको ब्लॉक कर दिया गया है। वह न्याय दिलाने की गुहार लगाते हुए कहती हैं कि लोग उनके साथ घटी इस घटना को ट्वीट करें। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिलने आने की बात का भी ज़िक्र करती हैं। उन्होंने कहा है कि उनके पास होटल के सीसीटीवी फुटेज हैं जो पूरे घटना के सबूत हैं।
इससे पहले मीनाक्षी मीडिया के सामने बिलखते हुए कह रही थीं कि शव देखने से ही लग रहा है कि कितनी बेरहमी से मनीष की पिटाई की गई है। उन्होंने कहा था कि 'शरीर पर कई जगह गहरे घाव इस बात की गवाही दे रहे हैं कि गिरने से नहीं, उन्हें पीटकर मारा गया है। मुझे इंसाफ चाहिए।'
पुलिस की शुरुआती सफ़ाई पर सवाल
गोरखपुर पुलिस के एक अधिकारी वीडियो बयान में यह कहते हैं कि अपराधियों की चेकिंग के दौरान रामगढ़ताल की पुलिस एक होटल में गई। अधिकारी कहते हैं, 'वहाँ पर एक कमरे में तीन युवक संदिग्ध, अलग-अलग शहरों से आए थे। इस सूचना पर पुलिस ने होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई। जहाँ पर हड़बड़ाहट में एक युवक की कमरे में गिरने से चोट लग गई। दुर्घटनावश हुई इस घटना से होटल मैनेजर को साथ लेकर युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। बीआरडी में इलाज के दौरान उस युवक की मृत्यु हो गई। पुलिस ने तत्काल परिजनों को सूचित किया।'
#झूठ_का_फूल pic.twitter.com/xZeNlnfGzO
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2021
पुलिस पर आरोप
लेकिन मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता और पिता नंद किशोर गुप्ता ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रात में मनीष ने उन्हें फोन कर कहा था कि होटल के कमरे में पहुँची पुलिस ने उन्हें पीटा है, जिससे वे घायल हो गए हैं। मनीष के दोनों दोस्त प्रदीप और हरि चौहान ने बताया कि कमरे में घुसकर पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की थी। मनीष ने कहा कि हम लोग जमीन कारोबारी हैं, उसी सिलसिले में अपने मित्र चंदन के बुलावे पर यहाँ आए हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि मौत की जानकारी उन्हें रात में नहीं, बल्कि सुबह दी गई।
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