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भवानीपुर में मतदान, ममता का भविष्य दांव पर

पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट, समसेरगंज और जंगीपुर सीटों के लिए आज मतदान हो रहा है। दोपहर तीन बजे तक समसेरगंज में 72.45 फीसदी, जंगीपुर में 68.17 फ़ीसदी और और भवानीपुर में 48.08 फीसदी मतदान हुआ। क़रीब 12 घंटे तक चलने वाला मतदान शाम साढ़े छह बजे तक चलेगा। भवानीपुर के मतदान केंद्रों पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ है। ममता भवानीपुर से ही चुनाव लड़ रही हैं। तीन लाख से अधिक मतदाता आज तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के भाग्य पर मुहर लगाएँगे। वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। 

ममता बनर्जी के लिए यह उपचुनाव बेहद अहम है। ऐसा इसलिए कि ममता बनर्जी फ़िलहाल विधानसभा सदस्य नहीं हैं। वह नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं। बग़ैर विधानसभा सदस्य बने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए छह महीने का समय 3 नवंबर को पूरा हो जाएगा। यदि वह उस समय तक विधानसभा सदस्य नहीं बनीं तो उन्हें इस पद से इस्तीफा देना होगा। हालाँकि नियम के मुताबिक़ वह इस्तीफ़ा देने के बाद एक बार फिर छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन इससे उनकी किरकिरी होगी। ऐसा ममता बनर्जी नहीं चाहेंगी।

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पिछले विधानसभा चुनाव में कोलकाता स्थित भवानीपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने चुनाव जीता था। उसके बाद उन्होंने उस सीट से इस्तीफ़ा दे दिया था ताकि वह सीट खाली हो जाए और वहाँ होने वाले उपचुनाव में ममता बनर्जी चुनाव लड़ सकें। भवानीपुर सीट को तृणमूल नेता के लिए आसान सीट माना जाता रहा है। ममता बनर्जी पिछला चुनाव नंदीग्राम से हार गई थीं। इस अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की जबरदस्त जीत के बावजूद, वह नंदीग्राम से नहीं जीत सकी थीं। 

ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ बीजेपी ने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा का केस लड़ने वाली वकील प्रियंका टिबरीवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। टिबरीवाल ममता सरकार के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में चुनाव बाद हिंसा की पैरवी करने के लिए चर्चा में रही हैं। यह वह मुद्दा है जिसको लेकर बीजेपी लगातार ममता बनर्जी को घेरती रही है और क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाती रही है। इस मुद्दे पर हाल के दिनों में टीएमसी और बीजेपी में जबरदस्त ठनती रही है। 

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प्रियंका टिबरीवाल ने एक याचिकाकर्ता के रूप में कलकत्ता उच्च न्यायालय से उस हिंसा के मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार को पुलिस केस दर्ज करने का आदेश दिलवाया था। उन्होंने चुनाव बाद हिंसा के मामलों में सीबीआई जांच के अदालत के आदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
टीएमसी और बीजेपी के बीच जिस तरह की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है उसे देखते हुए भवानीपुर में भारी सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए हैं। मंगलवार शाम से ही मतदान केंद्रों के आसपास 200 मीटर की दूरी पर निषेधाज्ञा लगा दी गई है, जिससे क्षेत्र में पांच से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे।

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियाँ तैनात की गई हैं, जिनमें से 270 बूथों में से प्रत्येक पर तीन कर्मियों को मौजूद रहना है। इन सभी को संवेदनशील घोषित किया गया है। जिस सरकारी हाई स्कूल मित्रा इंस्टीट्यूशन के बूथ पर ममता बनर्जी ने अपना वोट डाला, उसको बेहद संवेदनशील घोषित किया गया है। यह ऐसे 13 बूथों में से एक है। 

चुनाव आयोग ने ख़राब मौसम की संभावना को देखते हुए राज्य के सिंचाई विभाग को अलर्ट पर रहने को कहा है। सभी मतदान केंद्रों को बाढ़ के पानी को बाहर निकालने के लिए पंप तैयार रखने का निर्देश दिया गया है।

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क़मर वहीद नक़वी

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