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संघ प्रमुख की मौजूदगी में राम मंदिर की नींव रखेंगे मोदी, शिवसेना को न्योता नहीं

अयोध्या आंदोलन के प्रमुख संतों की ओर से भेंट की गयी 40 किलो चाँदी की राम शिला के साथ प्रमुख लोगों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की बुनियाद रखेंगे। 

गिने-चुने लोग ही रहेंगे मौजूद

रविवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष मंहत नृत्यगोपाल दास ने 40 किलो चाँदी की शिला के ज़रिए मंदिर निर्माण की शुरुआत करने का कार्यक्रम घोषित किया। कोरोना संकट के चलते राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में बस गिने चुने लोगों को ही न्योता दिया जा रहा है।

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मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की पूरी कैबिनेट शामिल नहीं होगी, चार-पाँच मंत्री ही शामिल होंगे। अयोध्या के जनप्रतिनिधियों के अलावा किसी भी राजनैतिक व्यक्ति को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। हालांकि मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े प्रमुख लोगों को ज़रूर इस कार्यक्रम में बुलाया जा रहा है। 

मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े लोगों, पुजारियों के अतिरिक्त संतों को भी न्यौता नहीं दिया जा रहा है। शंकराचार्यों को बुलाने को लेकर भी सहमति नहीं बनी हैं।

चाँदी की शिला के साथ पूजा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि 5 अगस्त घोषित होने के बाद अब इसकी तैयारियाँ तेज़ हो गयी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। राम जन्मभूमि स्थल पर ताँबे के कलश में गंगा जल और अन्य तीर्थों का जल लाकर पूजा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे अयोध्या पहुँचेंगे और 1 बज कर 10 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे। भूमि पूजन की औपचारिकताओं की शुरुआत उनके पहुँचने से पहले ही होगी और वह पहुँचने के बाद नींव की शिलाओं का पूजन करेंगे। मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का यह कार्यक्रम 4 घंटे से ज़्यादा चलेगा। 
राम मंदिर के भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला समर्पित करेंगे, मोदी पूजा कर इसे स्थापित करेंगे।

3 अगस्त से कार्यक्रम 

कोरोनो वायरस के चलते दो महीने से अधिक की देरी से हो रहे इस कार्यक्रम की भव्य तैयारी की जा रही है। भूमि पूजन के औपचारिक कार्यक्रम से भी पहले 3 अगस्त से कई वैदिक अनुष्ठान शुरु हो जाएंगे, जिनमें हवन व यज्ञ शामिल हैं। ये अनुष्ठान तीन दिन तक चलेंगे और 5 अगस्त को समाप्त होंगे।

मंदिर निर्माण के इस आयोजन में 50 से अधिक वीआईपी शामिल होंगे, जो कोरोनो वायरस के लिए सभी सुरक्षा नियमों को बनाए रखेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अयोध्या में विशाल सीसीटीवी स्क्रीन लगाए जायेंगे ताकि श्रद्धालु भी भूमि पूजन का पूरा कार्यक्रम देख सकें। 

अडवाणी, जोशी, उमा, कटियार रहेंगे मौजूद 

राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठ बीजेपी  नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा और विनय कटियार जैसे वरिष्ठ नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

आरएसएस प्रमुख भी रहेंगे मौजूद

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत व दूसरे नेता भी भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी शामिल होने के पूरे आसार हैं। 

मंदिर आंदोलन में शामिल रही शिवसेना के लोगों को निमंत्रण नहीं भेजा जाएगा, साथ ही प्रदेश में अन्य दलों में जा चुके कुछ अन्य मंदिर समर्थकों को भी नही बुलाया जा रहा है।

जून से चल रही है पूजा 

कोरोना संकट के चलते मार्च में की गयी देशव्यापी तालाबंदी के कुछ ही घंटों पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम की प्रतिमा को टीन शेड के अस्थाई मंदिर में स्थापित कर पूजा की शुरुआत कर दी थी।

भगवान राम की प्रतिमा को मंदिर निर्माण होने तक एक अलग मंदिर में स्थापित किया गया है। अयोध्या में यह अस्थाई मंदिर दो महीनों की तालाबंदी के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने पर 8 जून को लोगों के दर्शनों के लिए खोला गया था।

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कुमार तथागत

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