वाराणसी से समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार तेज़ बहादुर यादव का नामाँकन खारिज हो गया है। नामांकन रद्द होने के बाद तेज़ बहादुर यादव ने कहा कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएँगे। यादव ने कहा कि मंगलवार शाम को 6.15 बजे चुनाव आयोग ने उनसे साक्ष्य देने को कहा था और उनके वकील ने साक्ष्य तैयार भी कर लिए थे लेकिन फिर भी उनका नामाँकन खारिज कर दिया गया। यादव ने कहा कि मैं कोई अंबानी या अडाणी नहीं हूँ, जो चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली जाऊँगा। यादव के वकील राजेश गुप्ता ने भी कहा कि पर्चा गैरक़ानूनी तरीके़ से निरस्त किया है और यह साजिश के तहत किया गया है।
DM Varanasi:A person who has been dismissed from service from state or central govt within last 5 yrs has to obtain a certificate from EC stating he/she hasn't been dismissed due to disloyalty or corruption.Certificate wasn't produced before 11am, so, the nomination was rejected pic.twitter.com/Intq2S9Kpc
— ANI UP (@ANINewsUP) May 1, 2019
बता दें कि तेज़ बहादुर ने दो बार नामाँकन किया था। इस दौरान दिए गए हलफ़नामों में उन्होंने बर्खास्तगी को लेकर अलग-अलग जानकारी दी थी। 24 अप्रैल को पहले उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामाँकन कराया था। इसके साथ दिए गए हलफ़नामे में उन्होंने बताया था कि भ्रष्टाचार के आरोप के चलते सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया।
इसके बाद 29 अप्रैल को जब उन्होंने समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने के बाद दोबारा नामांकन कराया तो उस दौरान जो हलफ़नामा दायर किया, उसमें इस जानकारी को छुपा लिया। वाराणसी के रिटर्निंग अफ़सर ने इसी तथ्य को आधार बनाते हुए तेज़ बहादुर यादव से सफाई माँगी थी। यादव को सुबह 11 बजे तक अपना जवाब दाख़िल करना था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके।
बीएसएफ़ से बर्खास्त जवान तेज़ बहादुर यादव 2017 में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने एक वीडियो जारी कर सेना के जवानों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। तेज़ बहादुर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ था। इसके बाद अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें बीएसएफ़ से बर्खास्त कर दिया गया था।
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