क्या वास्तव में उन्नाव रेप पीड़िता की कार को जानबूझकर टक्कर मारी गई? क्या इसके पीछे कोई गहरी साज़िश है? क्योंकि पीड़िता के साथ घटना वाले दिन कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था और अब उसकी कार को टक्कर मारने वाले ट्रक के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। अंग्रेजी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के मुताबिक़, सीसीटीवी फ़ुटेज से पता चला है कि जब यह ट्रक रायबरेली के लालगंज इलाक़े में एक टोल प्लाज़ा से गुजर रहा था तो इसकी नंबर प्लेट पूरी तरह साफ़ थी। बता दें कि पीड़िता की गाड़ी को टक्कर मारने के दौरान ट्रक की नंबर प्लेट पर ग्रीस पुती हुई थी और तभी से यह आशंका जताई जा रही थी कि यह दुर्घटना जानबूझकर की गई है।
टोल प्लाज़ा पर लगी सीसीटीवी फ़ुटेज के मुताबिक़, ट्रक 28 जुलाई की सुबह 5.20 मिनट पर यहाँ से गुजरता हुआ दिख रहा है जबकि यह सड़क दुर्घटना दिन में 12.40 मिनट पर हुई है। सीसीटीवी फ़ुटेज में साफ़ दिख रहा है कि उस दौरान ट्रक की नंबर प्लेट पूरी तरह साफ़ थी और इसका नंबर दिखाई दे रहा था।
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स्थानीय पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि ट्रक के मालिक देवेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि क्योंकि वह ट्रक की किश्त नहीं चुका पा रहे थे, इसलिए ट्रक की नंबर प्लेट को ट्रक को फ़ाइनेंस करने वाली कंपनी के स्टाफ़ से छुपाने के लिए जान-बूझकर उन्होंने इसे गंदा किया था। रायबरेली के एसपी सुशील कुमार सिंह ने टीओआई को बताया कि पहली नज़र में यह लगता है कि ट्रक ड्राइवर ने टोल प्लाज़ा से गुजरने के बाद इसकी नंबर प्लेट को गंदा किया था।
ट्रक ड्राइवर ने फतेहपुर से लगभग 30 किमी पहले राजघाट क्षेत्र के सोहराब इलाक़े में एक जगह निर्माण सामग्री पहुँचाई थी। एसपी सुशील कुमार सिंह ने कहा, ‘हो सकता है कि ड्राइवर ने फतेहपुर वापस लौटते समय नंबर प्लेट पर ग्रीस लगा दी हो। ड्राइवर और क्लीनर को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। अब यह मामला केंद्रीय जाँच ब्यूरो के पास है और एजेंसी ही मामले की सच्चाई को सामने लायेगी।’
इससे पहले अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने ख़बर दी थी कि उन्नाव रेप पीड़िता की गाड़ी को
टक्कर मारने वाला ट्रक ग़लत दिशा से आ रहा था और बहुत तेज़ स्पीड में था। अख़बार ने चश्मदीद अर्जुन यादव व कुछ अन्य दुकानदारों के हवाले से बताया था कि ट्रक ने कार को 10 मीटर तक घसीटा था और तब जाकर वह रुका था। लेकिन जब तक लोग मौक़े पर पहुँचे, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर ट्रक से निकलकर खेतों में भाग गए।
बता दें कि रेप पीड़िता के साथ हुई ट्रक दुर्घटना में दर्ज हुई एफ़आईआर में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा एक और
बीजेपी नेता अरुण सिंह का नाम शामिल है। अरुण सिंह उन्नाव बीजेपी की ब्लॉक इकाई के अध्यक्ष हैं। अरुण सिंह को कुलदीप सिंह सेंगर का बेहद क़रीबी बताया जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में अरुण सिंह को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के साथ देखा गया था। एफ़आईआर में विधायक सेंगर, उसके भाई और 8 अन्य लोगों का नाम भी शामिल है। मीडिया और विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से दबाव बढ़ने पर
बीजेपी को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकालना पड़ा था।
सड़क दुर्घटना के बाद से ही पीड़िता के परिजनों ने कई बार कहा है कि
यह घटना विधायक के इशारे पर हुई है और विधायक के गुर्गे कई बार उनके परिवार को केस को वापस लेने की धमकी दे चुके हैं और इस बारे में उन्होंने सीजेआई रंजन गोगोई को भी पत्र लिखा था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्नाव रेप से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफ़र किया जाए और
45 दिन में इनकी सुनवाई पूरी हो। अदालत ने यह भी कहा था कि यूपी सरकार पीड़िता के पूरे परिवार, वकील को सुरक्षा दे और पीड़िता को 25 लाख रुपये की सरकारी मदद भी दे।
बता दें कि पीड़िता की गाड़ी को तब टक्कर मार दी गई थी कि जब वह अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी। लेकिन तभी रास्ते में उनकी गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी जबकि ख़ुद पीड़िता और वकील की हालत बेहद गंभीर है।
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