loader
प्रतीकात्मक तसवीर।

यूपी सरकार की बस ने घर लौटते मज़दूरों को कुचला, 6 की मौत, दो घायल

लॉकडाउन के बीच पैदल ही अपने घरों को लौट रहे मज़दूरों को उत्तर प्रदेश सरकार की एक बस ने कुचल दिया। इसमें छह लोगों की मौत हो गई और दो घायल हैं। हादसा उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में बुधवार रात क़रीब 11 बजे हुआ। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वे पंजाब से अपने अपने गृह राज्य बिहार लौट रहे थे। 

पुलिस का कहना है कि बस खाली थी और हादसे के बाद ड्राइवर बस को छोड़कर फरार हो गया। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि इस बस को लोगों को राहत देने के लिए लगाया गया हो, क्योंकि राज्य में फ़िलहाल सार्वजनिक परिवहन बंद है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा, 'पहले ट्रेन और अब बस हादसा, मज़दूरों की ज़िंदगी इतनी सस्ती क्यों। ‘वंदे भारत मिशन’ में क्या देश की गरीब जनता नहीं आ सकती।

ताज़ा ख़बरें

बता दें कि दोनों घायलों की स्थिति गंभीर होने की वजह से उन्हें मेरठ के हॉस्पिटल के लिए रेफ़र किया गया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार मुज़फ़्फ़रनगर कोतवाली पुलिस थाने के एसएचओ अनिल कपरवन ने कहा कि ड्राइवर के ख़िलाफ़ लापरवाही का मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने मरने वालों की पहचान हरेक सिंह (51), उनका बेट विकास (22), गुड्डू (18), वासुदेव (22), हरीश (28) और विरेंद्र (28) के रूप में की है। 

हाल के दिनों में पैदल चल रहे मज़दूरों के साथ कई दुर्घटनाएँ की ख़बरें आई हैं। लेकिन उनमें से सबसे ज़्यादा चर्चा में महाराष्ट्र की घटना रही। महाराष्ट्र के औरंगाबाद से अपने राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे 16 मजदूरों को एक ट्रेन ने कुचल दिया था। ये मज़दूर चलते-चलते इतने थक गए थे कि आराप करने के लिए बैठे तो रेलवे ट्रैक पर ही इनको नींद आ गई थी, तभी एक मालगाड़ी उनके ऊपर से गुजर गयी। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
एक हादसा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ज़िले में 10 मई को तड़के हुआ था। इममें उत्तर प्रदेश के पाँच श्रमिकों ने अपनी जानें गवाईं, जबकि 15 मज़दूर घायल हो गये थे। वे आमों से भरे एक ट्रक में छिपकर हैदराबाद से उत्तर प्रदेश के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया था। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें