loader

प्रशांत किशोर : पश्चिम बंगाल में बीजेपी को 10 सीटें भी नहीं

ऐसे समय जब भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में अपनी पूरी ताक़त झोंक चुकी है और तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ कर उसका दामन थाम लिया है, चुनाव गुरु प्रशांत किशोर ने चौंकाने वाली बात कही है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दहाई का आँकड़ा छूने के लिए संघर्ष करना होगा।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, 'बीजेपी को समर्थन करने वाला मीडिया बातों को जितना भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश करे, सच यह है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को दहाई का आँकड़ा पाने के लिए भी जूझना होगा।"

ख़ास ख़बरें

उन्होंने इसके साथ ही लिखा, 'कृपया इस ट्वीट को सुरक्षित रख लें और यदि बीजेपी बेहतर करे तो मैं यह स्थान छोड़ने को तैयार हूं।'

किशोर इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (आई-पैक) के संस्थापक हैं और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर पेशेवर चुनाव विशेषज्ञ व मैनेजर हैं, उनकी संस्था राजनीतिक दलों को चुनाव की रणनीति बनाने, नारे तैयार करने, मुद्दों को उठाने वगैरह में मदद करती है। वे सबसे पहले 2014 में सुर्खियों में आए जब उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मदद की। उसके पहले उन्होंने 2011 में गुजरात विधानसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद की थी।

प्रशांत किशोर ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी, आंध्र प्रदेश में वाएसआर कांग्रेस, बिहार में जनता दल युनाइटेड और पंजाब में कांग्रेस के चुनाव का प्रबंधन देखा और इन सभी चुनावों में वे कामयाब रहे।

इस बार वे 2021 में होने वाले तमिलनाडु विधानभा चुनाव में डीएमके और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का चुनाव प्रबंध देख रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के साथ उनका क़रार 2019 में ही हुआ और वे उस समय से ही पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के नजदीक हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल के कई नेता उनके कामकाज की शैली से नाराज हैं और उन्हें नापसंद करते हैं। वे किशोर के सुझाव को पार्टी के अंदरूनी कामकाज में हस्तक्षेप मानते हैं। उनका मानना है कि किशोर बाहरी हैं, उन्हें पश्चिम बंगाल की राजनीति की ज़मीनी सच्चाई पता नहीं है और वे पार्टी की मदद नहीं कर सकते।

prashant kishore on bjp wb assembly election prospect - Satya Hindi

प्रशांत किशोर को नापसंद करने वालों में शुभेंदु अधिकारी भी हैं, जिन्होंने बीते दिनों कई समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ दी और अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए। उनके साथ विधायक सुनील मंडल ने भी सत्तारूढ़ दल को छोड़ा और बीजेपी में शामिल हो गए। शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं। उनका एक और भाई राजनीति में है। समझा जाता है कि ये सब तृणमूल छोड़ कर बीजेपी में चले जाएंगे।

बीजेपी को लेकर प्रशांत किशोर का दावा ऐसे समय आया है जब तृणमूल छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेता मुकुल राय ने कहा है कि सत्तारूढ़ दल को अगले विधानसभा चुनाव में सौ सीटें भी नहीं मिलेंगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटें हैं और अगले साल मई में राज्य में चुनाव होने हैं।

वीडियो में देखिए, क्या बीजेपी पश्चिम बंगाल में करेगी उलटफेर

फिलहाल राज्य विधानसभा में बीजेपी की सिर्फ दो सीटें हैं। लेकिन यह सच है कि बीते लोकसभा चुनाव में लगभग सौ विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी दूसरे नंबर पर आई थी। इसके बाद हुए पंचायत चुनावों में बीजेपी को अधिक सीटें नहीं मिलीं, लेकिन वह लगभग 5,000 वार्डों में दूसरे नंबर पर रही। इसे बीजेपी की बढ़त के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी बीजेपी को परेशान कर सकती है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें