काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए दो धमाकों में अफ़ग़ानिस्तान के क़रीब 160 सिख और हिंदू नागरिक बाल-बाल बच गए। वे सभी भी अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकलने के प्रयास में लगातार एयरपोर्ट पर रहे थे। धमाके में बड़ी संख्या में लोग मारे गए और सौ से भी ज़्यादा लोग घायल हो गए। गनीमत रही कि ये सभी इन धमाकों की चपेट में नहीं आए। अब इन सभी ने एक स्थानीय गुरुद्वारे में शरण ली है।
तालिबान के कब्जे के बाद पहली बार हुए इस धमाके के बाद दुनिया भर में सनसनी फैल गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि घायलों व मृतकों में अमेरिकी सैनिक भी हैं। इस धमाके ने इसलिए दुनिया भर को हिलाकर रख दिया क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद विदेशी नागरिकों, सैनिकों और अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने के आतुर लोगों को वहाँ से निकाला जा रहा है।
अमेरिका के कई सहयोगी देश अफ़ग़ानिस्तान से निकलने के लिए तय आख़िरी तारीख़ 31 अगस्त को बढ़ाना चाह रहे हैं। ऐसा इसलिए कि हज़ारों की संख्या में अभी भी काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ जमा है जो अफ़ग़ानिस्तान से किसी तरह बाहर जाना चाहती है। इसी बीच ये धमाके हो गये।
एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार शाम जब धमाके हुए तो काबुल हवाई अड्डे पर अफ़ग़ानिस्तान के 145 सिख और 15 हिंदू नागरिक मौजूद थे। काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद से लगातार अफ़ग़ानिस्तान के सिखों से संपर्क में रहे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'मैंने काबुल गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष एस गुरनाम सिंह के साथ फोन पर बातचीत की, जिन्होंने मुझे जानकारी दी कि काबुल एयरपोर्ट पर आज का विस्फोट ठीक उसी जगह हुआ है जहाँ वे कल खड़े थे। हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं कि कल ऐसा कुछ नहीं हुआ।'
सिरसा ने ट्वीट कर यह भी कहा है कि गुरुद्वारा करटे परवान में शरण लिए हुए सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं।
All the minorities who have taken refuge in Gurdwara Karte Parwan are safe#Kabulairport #KabulBlast @thetribunechd @republic @punjabkesari @indiatvnews @ANI @PTI_News https://t.co/2gSdBg50x8
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) August 26, 2021
बता दें कि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि घायल हुए लोगों में अमेरिकी सैन्य अधिकारी भी हैं। सभी घायलों को पास के अस्पताल में दाखिल कराया गया है। अधिकारी ने यह भी कहा है कि मरने वालों में भी कुछ अमेरिकी हैं। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि ऐसा लगता है कि यह आत्मघाती हमला था। 'अल जज़ीरा' के रिपोर्टर ने काबुल हवाई अड्डे से रिपोर्ट करते हुए कहा है कि इसलामिक स्टेट का ख़तरा बना हुआ है, लेकिन फिलहाल पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि यह हमला इसलामिक स्टेट का ही था।
गुरुवार सुबह ही अमेरिका व कुछ अन्य देशों ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले के ख़तरे का अंदेशा जाहिर किया था। अमेरिका व कुछ अन्य देशों ने अपने नागरिकों से कहा था कि वे तुरंत एयरपोर्ट के आसपास से हट जाएँ। रिपोर्टों के अनुसार अब तक 90 हज़ार अफ़ग़ान नागरिक और विदेशी लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर जा चुके हैं। बीते लगभग दो हफ़्ते से पंजशिर को छोड़कर सभी इलाक़े तालिबान के कब्जे में आ चुके हैं।
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