तालिबान ने रविवार को अफ़गानिस्तान की राजधानी क़ाबुल पर क़ब्ज़ा करते ही अलग-अलग जेलों में बंद हज़ारों कै़दियों को रिहा कर दिया। इनमें इसलामिक स्टेट और अल क़ायदा के आतंकवादी भी शामिल हैं।
अफ़ग़ानिस्तान में ऐसे आतंकवादियों की तादाद सैकड़ों में हैं और समझा जाता है कि उनमें से ज़्यादातर को छोड़ दिया गया है।
बग़राम ज़िले के प्रमुख दरवेश रऊफी ने इसकी पुष्टि करते हुए पत्रकारों से कहा कि तालिबान के लड़ाके बगराम एअर बेस पर पहुँचे तो उनका विरोध नहीं किया गया और उन्हें सबकुछ सौंप दिया गया। तालिबान ने तुरन्त जेल के दरवाज़ों को खोल कर सबको रिहा कर दिया।
सैकड़ों आतंकवादी रिहा
रऊफ़ी ने इसके साथ यह भी कहा गया कि रिहा किए गए लोगों में अल क़ायदा और इसलामिक स्टेट के लोग भी थे, जिन्हें अलग-अलग समय में अलग-अलग जगहों से गिरफ़्तार किया गया था।
यही हाल काबुल में हुआ। काबुल में तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर नियंत्रण करने के बाद दूसरे सरकारी दफ़्तरों की ओर रुख किया और उन पर क़ब्ज़ा कर लिया।
इसके बाद वे जेल गए और वहाँ से सारे क़ैदियों को रिहा कर दिया गया।
इसके पहले मज़ार-ए-शरीफ़, कंधार और दूसरे शहरों में भी यही किया गया।
बगराम एअर बेस के पास ही पुल-ए-चरखी का जेल भी है, जिसमें 5,000 से अधिक क़ैदी बंद थे। सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में यह साफ़ देखा जा सकता है कि इस जेल से बहुत बड़ी तादाद में लोग बाहर निकल रहे हैं। इसके साथ ही पश्तो भाषा में यह कहा जा रहा है कि पुल-ए-चरखी के क़ैदियों को रिहा किया जा रहा है।
इसे पश्चिमी मीडिया के एक पत्रकार ने ट्वीट किया है।
Prisoners leaving Kabul jail after being broken out by Taliban. pic.twitter.com/B84F2UrtEA
— Richard Engel (@RichardEngel) August 15, 2021
बता दे कि क़ैदियों की रिहाई अफ़ग़ानिस्तान में बड़ा मुद्दा था और इस पर अशरफ़ ग़नी की सरकार और तालिबान के बीच कई बार बात हुई थी।
जिस समय दोनों के बीच दोहा में बात चल रही थी, तालिबान ने क़ैदियों की रिहाई को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था।
बीबीसी के अनुसार, तत्कालीन ग़नी सरकार तालिबान के 400 लड़ाकों को रिहा करने पर राजी हो गई थी। इसके बाद पिछले हफ़्ते यानी जिस समय तालिबान एक एक बाद कई प्रातों पर नियंत्रण कर चुका था, सरकार ने उसके 80 लोगों को रिहा कर दिया था।
सरकार ने एक ट्वीट कर इसकी पुष्टि की थी। एनएससी अफ़ग़ानिस्तान के हैंडल से कहा गया है कि इसलामी अफ़ग़ान सरकार ने 80 तालिबान सज़ायाफ़्ता लोगों को रिहा कर दिया है। लोया जिरगा ने जिस 400 लोगों को रिहा करने की बात कही है, ये उसमें शामिल हैं।
The Government of the Islamic Republic of Afghanistan yesterday released 80 Taliban convicts out of the 400 that the Consultative Loya Jirga sanctioned for release to speed up efforts for direct talks and a lasting, nationwide ceasefire. pic.twitter.com/wBzTTFvXiF
— NSC Afghanistan (@NSCAfghan) August 14, 2020
बता दें कि रविवार को तालिबान लड़ाकों ने बग़ैर लडाई लड़े ही काबुल पर क़ब्ज़ा कर लिया, राष्ट्रपति अशरफ़ गनी, उप राष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह और उनके सहयोगी देश छोड़ कर भाग गए।
तालिबान लड़ाकों ने राष्ट्रपति भवन और दूसरे सरकारी दफ़्तों पर नियंत्रण कर लिया है। उन्होंने प्रशासन अपने हाथ में ले लिया है और उनके लड़ाके जगह-जगह तैनात हो गए हैं।
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