ऐसे समय जब यूरोप और अमेरिका में इसलामोफ़ोबिया बढ़ता ही जा रहा है, फ्रांस के लोगों को उस घटना की याद ताज़ा हो गई जब दो इसलामी चरमपंथियों ने फ्रेंच पत्रिका शार्ली एब्दो के दफ़्तर में घुस कर कई लोगों की हत्या कर दी थी।
ताजा घटना में राजधानी पेरिस के एक उपनगर में पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाने के कारण इतिहास के एक शिक्षक की गर्दन काट दी गई। वहाँ पहुँची पुलिस ने हमलावर पर गोलियाँ चलाईं, जिससे उसकी वहीं मौत हो गई। हमवलावर 18 साल का किशोर बताया जाता है।
मामला क्या है?
यह वारदात पेरिस से थोड़ी ही दूरी पर स्थित कॉन्फ्लैन्स सौं होनोरी इलाक़े के एक स्कूल में हुई। पुलिस ने कहा है कि वह इसे एक आतंकवादी संगठन से जुड़ी हत्या के रूप में देख रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शिक्षक को इसलामिक आतंकवादी हमले का पीड़ित बताया है और कहा है कि वह अभिव्यक्ति की आज़ादी के समर्थक हैं। उन्होंने हमलावर को 'इस्लामी आतंकवादी हमला' क़रार दिया है।
पैगंबर का कार्टून दिखाया
बीबीसी के अनुसार, मैंक्रों ने नागरिकों से हिंसा के विरोध में एकजुट होने की अपील की है और कहा है आतंकवाद कभी जीत नहीं सकता।मैक्रों ने कहा, 'कॉन्फ्लैन्स सौं होनोरी में शाम को क्या हुआ मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता, लेकिन आज हमारे एक नागरिक को मार दिया गया। उन्होंने अपने छात्रों को अभिव्यक्ति की आज़ादी के बारे में बताया। उन्होंने उन्हें हर मुद्दे पर सोचने और यकीन करने की आज़ादी के बारे में बताया। उन पर हुआ हमला कायराना हरकत है और वो 'इस्लामी आतंकवादी हमले से पीड़ित हैं।'
पीड़ित ने हाल ही में कक्षा में पैगंबर मोहम्मद की चर्चा की थी। अभियोजकों ने कहा कि वे इस घटना को 'आतंकवादी संगठन से जुड़ी एक हत्या' और 'आतंकवादियों के साथ आपराधिक संबंध' के रूप में मान रहे हैं।
शार्ली एब्दू
इसे 2015 की उस घटना के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है पाकिस्तान के दो सगे भाइयों ने कार्टून पत्रिका के दफ़्तर में घुस कर कई लोगों को मार डाला था। बता दें कि 7 जनवरी, 2015 को शार्ली एब्दू के पेरिस स्थित दफ़्तर पर इसलामी चरमपंथी दो सगे भाइयों सईद और शरीफ़ कुआशी ने हमला कर दिया था, जिसमें फ़्रांस के कुछ जाने-माने कार्टूनिस्टों समेत 12 लोग मारे गए थे। पूरी दुनिया में इस हमले की व्यापक निन्दा हुई थी और फ़्रांस में भी इसे लेकर काफ़ी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
शार्ली एब्दू के दफ़्तर पर हमला करने वाले दोनों भाइयों को तो पुलिस ने मार गिराया था, लेकिन इसी हमले की कड़ी से जुड़े 14 और आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया था। इन लोगों पर एक यहूदी सुपरमार्केट पर हमला करने का आरोप था। इन सभी पर बुधवार से मुक़दमा शुरू होगा।
इस हत्याकांड के बाद फ्रांस ही नहीं दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग हाथों में पोस्टर लेकर सड़कों पर निकल आए थे। इन पोस्टर में ‘मैं भी शार्ली’ लिखा होता था।
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