ऐसे समय जब अफ़ग़ानिस्तान को उसके हालत पर छोड़ कर बाहर निकलने में दो दिन बचे हैं, अमेरिका ने संदिग्ध इसलामिक स्टेट ठिकाने पर मिसाइल हमला किया है।
अमेरिका ने रविवार को काबुल में इसलामिक स्टेट खुरासान के संदिग्ध ठिकाने पर ड्रोन से मिसाइल हमला किया।
समाचार एजेन्सी 'एएफ़पी' के पत्रकारों ने रविवार की शाम काबुल में एक ज़ोरदार धमाका सुना। उन्होंने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि एक घर पर रॉकेट हमला हुआ।
समझा जाता है कि यह इसलामिक स्टेट खुरासान का ठिकाना था।
बीबीसी के अमेरिकी पार्टनर सीबीएस को एक सैन्य अधिकारी ने कहा, "हमें पूरा भरोसा है कि हमने टारगेट को मार दिया है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक़ हमले में कोई भी आम नागरिक हताहत नहीं हुआ है।"
उन्होंने इसके आगे कहा, "गाड़ी में हुए एक दूसरे विस्फोट से ये पता लगता है कि उसके अंदर काफ़ी मात्रा में विस्फोटक थे।"
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक़, तालिबान ने भी कहा है कि एक आत्मघाती हमलावर अमेरिकी हवाई हमले का शिकार हुआ है।
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— Shafi Karimi (@karimi_shafi) August 29, 2021
A house near to Kabul airport hit by a rocket. pic.twitter.com/t3Ue3AXD0s
ड्रोन हमला क्यों?
इसलामिक स्टेट ही वह आतंकवादी संगठन है जिसने गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमला किया और इसकी ज़िम्मेदारी ली। इस हमले में 170 से ज़्यादा लोग मारे गए, जिनमें अमेरिकी सेना के लोग भी हैं।
इसके बाद अमेरिका ने एक ड्रोन हमला कर दावा किया था कि उसने काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले की योजना बनाने वाले को मार डाला।
शनिवार को अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अगले 24-36 घंटे में इसलामिक स्टेट खुरासान फिर हमला कर सकता है।
अमेरिका की चेतावनी
एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने एक सुरक्षा अलर्ट में कहा था, 'एक विशिष्ट, विश्वसनीय ख़तरे के कारण, काबुल हवाई अड्डे के आसपास के सभी अमेरिकी नागरिकों को तुरंत हवाईअड्डा क्षेत्र छोड़ देना चाहिए।'
अपने अलर्ट में अमेरिकी दूतावास ने काबुल में दक्षिण के एयरपोर्ट सर्कल गेट, हवाई अड्डे के उत्तर-पश्चिम की ओर पंजशीर पेट्रोल स्टेशन के पास के गेट पर ख़तरे की आशंका जताई थी।
इन आतंकी हमलों की आशंका के बीच जो बाइडेन ने एक बयान में कहा है कि इसलामिक स्टेट-खुरासन समूह को निशाना बनाने वाला एक अमेरिकी ड्रोन हमला अंतिम नहीं था।
इसी इसलामिक स्टेट खुरासन समूह ने हवाई अड्डे पर गुरुवार के धमाकों की ज़िम्मेदारी ली थी। इसके बाद अमेरिका ने आईएस के ख़िलाफ़ ड्रोन से हमला किया।
अफ़ग़ानिस्तान में अभी भी 300 अमेरिकी
दूसरी ओर अमेरिका ने कहा है कि उसके तकरीबन 300 नागरिक अभी भी अफ़ग़ानिस्तान में हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ये लोग वहाँ से निकाले जाने का इंतज़ार कर रहे हैं।
उन्होंने अमेरिकी मीडिया संस्था एबीसी से कहा, "अब वहां हमारे 300 या उससे कम नागरिक बचे हैं। हम उन्हें बाहर निकालने के लिए कई दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं।"
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