भारत में बेतहाशा बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच न्यूज़ीलैंड ने भारत से जाने वाले यात्रियों के देश में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। इनमें वे भी शामिल हैं जो न्यूज़ीलैंड के निवासी हैं और भारत में आए हुए हैं।
म्याँमार में सैन्य शासन ख़त्म करने और लोकतंत्र की बहाली की माँग कर रहे लोगों पर शनिवार को गोलीबारी में 100 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। इनमें बच्चे भी शामिल है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के विरोध में हुए प्रदर्शन में चार लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हो गए हैं। बांग्लादेश के कट्टरपंथी इसलामी गुट हिफ़ाजत-ए- इसलाम बांग्लादेश के कार्यकर्ताओं ने चटगाँव और ढाका में विरोध प्रदर्शन किया और सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया
कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर का सामना कर रहे यूरोप के अब कई प्रमुख देशों ने एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन को फिर से शुरू करने की बात कही है। इन देशों का यह फ़ैसला तब आया है जब ईएमए ने कहा है कि एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन सुरक्षित है।
महामारी का ख़तरा उन लोगों के लिए भी उतना ही है, लेकिन जिस तरह से म्याँमार यानी बर्मा में सेना ने चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा किया है, जनता तमाम ख़तरों को नजरंदाज करते हुए सड़कों पर निकल आई है।
इटली में फिर से लॉकडाउन लगाया गया है। इस प्रयास में कि कोरोना की तीसरी लहर को रोका जाए। जर्मनी में तीसरी लहर पहले ही शुरू हो गई है। फ़्रांस, स्पेन जैसे देशों में भी संक्रमण बढ़ा है।
एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर अब यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली और फ्रांस ने भी रोक लगा दी है। कोरोना के ख़िलाफ़ दुनिया भर में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है।
जिस एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड से क़रार कर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया कोरोना वैक्सीन बना रही है उसकी वैक्सीन पर कई यूरोपीय देशों में तात्कालिक तौर पर रोक लगाई गई है। यह रोक डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड ने गुरुवार को लगाई।
म्यांमार में तख्तापलट हो गया है। एक नन घुटनों पर झुके हाथ फैलाए बीच सड़क पर हैं। सामने हथियारों से लैस पुलिस है। नन के पीछे लोकतंत्र के समर्थक प्रदर्शनकारी। वह बंदूकें ताने हुए सैनिकों से कहती हैं कि 'बच्चों को छोड़ दें और बदले में मेरी जान ले लें।'