दुनिया के सबसे ताक़तवर देश और सबसे पुराने लोकतंत्र के प्रतीक कैपिटल बिल्डिंग यानी संसद भवन पर हमला और तोड़फोड़ देखने में अप्रत्याशित और यकायक भले ही लगता हो, दरअसल इसकी पृष्ठभूमि बहुत पुरानी है और इसकी तैयारी भी बहुत दिनों से चल रही थी।
अमेरिका की जाँच एजेंसियाँ यह पता लगाने में जुट गयी है कि कि संसद पर हमला करने वालों का असली मक़सद सिर्फ़ तोड़फोड़ करना था या फिर इसकी आड़ में किसी और बड़ी घटना को अंजाम देना था।
कैपिटल बिल्डिंग यानी अमेरिकी संसद भवन हिंसा मामले में निशाने पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम खाते को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
कैपिटल बिल्डिंग यानी अमेरिकी संसद भवन हिंसा की राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने निंदा की है। लेकिन ट्रंप ने हिंसा भड़काने में अपनी भूमिका के बारे में कुछ नहीं बोला।
क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर राजद्रोह का मामला बनता है? क्या 20 जनवरी को कार्यकाल ख़त्म होने के पहले ही संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल कर उन्हें पद से हटाया जा सकता है?
अमेरिका में वह हो गया जिसकी आशंका लंबे समय से जताई जा रही थी। ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी कांग्रेस पर ही हमला बोल दिया। यह तब हुआ जब संसद जो बाइडन के राष्ट्रपति होने की औपचारिकता पूरी करने के लिये बैठी थी।
हिंसा, गोलीबारी और संसद परिसर कैपिटल बिल्डिंग में घुस कर तोड़फोड़ करने के डोनल्ड ट्रंप के समर्थकों की करतूतों के बाद राष्ट्रपति ने अपरोक्ष रूप से ही सही, अपनी हार मान ली है।
बुधवार को राजधानी वॉशिंगटन के संसद परिसर कैपिटल में जिस समय डोनल्ड ट्रंप के समर्थक अंदर घुस गए और तोड़फोड़ की, राष्ट्रपति न सिर्फ़ अपने दफ़्तर में टेलीविज़न पर चुपचाप तमाशा देखते रहे, बल्कि उन्होंने उस स्थिति में भी उस उत्तेजित भीड़ को और भड़काया।
अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग हिंसा पर दुनिया के नेताओं ने दुख जताया है। उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों द्वारा यूएस कैपिटल में ऐसी हिंसात्मक कार्रवाई की निंदा की। जानिए, मोदी और बोरिस जॉनसन ने क्या कहा...
राष्टपति डोनल्ड ट्रंप के मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों ने 20 जनवरी को उनके कार्यकाल ख़त्म होने के पहले ही उन्हें पद से हटाने की माँग की है। उन्होंने कहा है कि वे इसके लिए अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 25 का इस्तेमाल करेंगे।
कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के बाद ट्विटर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का एकाउंड ब्लॉक कर दिया है। ऐसा शायद पहली बार है कि किसी राष्ट्र के प्रमुख का सोशल मीडिया एकाउंट इतने बड़े स्तर पर ब्लॉक किया गया हो।
अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने से जिस हिंसा का डर था वही हुआ। कैपिटॉल हिल में 4 लोग मारे गये। 52 लोगों को गिरफ़्तार किया गया। हिंसा के बाद सांसदों की बैठक करने वाली जगह कैपिटल बिल्डिंग को बंद करना पड़ा था।
छह जनवरी को अमेरिका की नवनिर्वाचित संसद के दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन होगा, जिसमें निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस को अपनी चुनावी औपचारिकता निभाते हुए नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा करनी है।