loader

कोरोना: पाकिस्तान में अगले दो हफ़्ते में बेहद ख़राब हो सकते हैं हालात

पड़ोसी मुल्क़ पाकिस्तान में कोरोना वायरस के संक्रमण के लिहाज से अगले दो हफ़्ते बेहद ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ. साद नोज़ ने कराची प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह बात कही। नोज़ ने कहा कि कराची के अस्पतालों में बिस्तर मरीजों से भर चुके हैं और डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ़ के 163 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 

ताज़ा ख़बरें
डॉ. साद नोज़ ने कहा कि पश्चिमी देशों और पाकिस्तान में इस वायरस के संक्रमण का फर्क यही है कि यहां अधिकतर मरीज 60 साल से कम उम्र के हैं। पश्चिमी देशों से आ रही ख़बरों में बताया गया है कि वहां यह वायरस बुजुर्गों को ज़्यादा निशाना बना रहा है। 
पाकिस्तान का स्वास्थ्य ढांचा बेहद कमजोर है। ऐसे में डॉ. नोज़ ने कंप्लीट लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया है।

डॉ. नोज़ ने रमज़ान के मौक़े पर लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि देश के डॉक्टर बेहद निराश हैं। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल दूसरे डॉक्टर्स ने कहा कि जब से लॉकडाउन में ढील दी गई है, कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को पीपीई किट नहीं दी जा रही है और जब वे इसकी मांग करते हैं तो उनसे नौकरी छोड़ने के लिए कहा जाता है। 

पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन ने सभी तरह के आयोजनों पर रोक लगाने की मांग की है। डॉ. आतिफ़ ने उलेमाओं से अपील की है कि वे तरावीह की नमाज़ मसजिदों में अता करने के फ़ैसले पर फिर से विचार करें। उन्होंने कहा कि मौलवियों को मसजिदों में होने वाले आयोजनों पर रोक लगा देनी चाहिए। 

दुनिया से और ख़बरें
पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की तादाद अब तक 11,145 हो चुकी है जबकि 237 लोगों की इससे मौत हो गई है। इस महीने के अंत तक संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 20 हज़ार और मरने वालों की संख्या 500 तक पहुंचने का अनुमान है। 
इमरान ख़ान सरकार के सामने रमज़ान के दौरान मुल्क़ के लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती है।

धार्मिक नेताओं के दबाव में आकर पाकिस्तान सरकार ने रमज़ान के दौरान मसजिदों में नमाज़ पढ़ने और तवारीह की छूट दे दी है। हालांकि इसमें कुछ शर्तें जोड़ी गई हैं। 

लेकिन बिगड़ते हालातों के बीच किसी भी तरह का धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम करना तबाही को दावत देने जैसा है। ऐसे में पाकिस्तान के लोग अपने डॉक्टर्स और सरकार की अपील पर कितना अमल करते हैं, यह देखने वाली बात होगी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें