पाकिस्तान के पंजाब सरकार के मंत्री फ़ैयाज़ुल हसन चौहान को हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने की वजह से मंगलवार को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। विवाद बढ़ने पर चौहान ने माफ़ी माँग ली थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।
बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री चौहान ने हिंदुओं को गाय का मूत्र पीने वाला बताया था और कहा था कि भारत कभी भी पाकिस्तान का मुक़ाबला नहीं कर सकता। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद से ही उनकी जमकर आलोचना हो रही थी। चौहान के इस बयान पर इमरान ख़ान सरकार में मानवाधिकार मंत्री शिरीन मज़ारी, वित्त मंत्री असद उमर, प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के विशेष सहयोगी नईमुल हक़ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। साथ ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने भी उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी।
चौहान के बयान का उनकी सरकार के सदस्यों ने और सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने कड़ा विरोध किया था। चौहान को मंत्रिमंडल से हटाने की माँग को लेकर ट्विटर पर हैशटेग #SackFayazChohan भी चलाया गया था।
विवाद बढ़ने पर अपने बयान पर सफ़ाई देते हुए फ़ैयाज़ुल हसन चौहान ने मंगलवार को कहा था, ‘मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय वायुसेना, भारत की मीडिया के बारे में बात कर रहा था न कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के बारे में। अगर मेरे बयान से पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों को ठेस पहुँची है तो मैं इसके लिए माफ़ी माँगता हूँ।
चौहान ने कहा था, ‘मेरा पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय को ठेस पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था। चौहान ने आगे कहा, मैं अपने देश की ओर गंदी नज़र से देखने वालों को मुँहतोड़ जवाब दूँगा।’
इससे पहले इमरान ख़ान सरकार में मानवाधिकार मंत्री शिरीन मज़ारी ने ट्वीट किया कि वह चौहान के बयान की निंदा करती हैं। मज़ारी ने कहा, ‘किसी को इस बात का अधिकार नहीं है कि वह किसी दूसरे के धर्म पर हमला करे। पाकिस्तान के लिए हिंदुओं ने भी बलिदान दिया है।'
वित्त मंत्री असद उमर ने ट्वीट किया था कि पाकिस्तान के झंडे को याद रखिए। यह केवल हरा नहीं है, यह सफ़ेद रंग के बिना अधूरा है और यह सफ़ेद रंग अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के विशेष सहयोगी नईमुल हक़ ने ट्वीट किया था कि हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ चौहान का कमेंट बेहद आपत्तिजनक था और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री से बात करने के बाद मंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
समझा जाता है कि पाकिस्तान की पंजाब सरकार इस कार्रवाई के ज़रिए देश के अल्पसंख्यक समुदाय को आश्वस्त करना चाहती है कि वे सुरक्षित हैं। अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान का रिकार्ड बेहद ख़राब रहा हैं। वहाँ ईसाई, अहमदिया और यहाँ तक कि शिया समुदाय के लोग सुन्नी बहुल आबादी के निशाने पर रहते हैं। ऐसे में यह क़दम अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को सुकून दे सकता है।
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