अफ़ग़ानिस्तान की एक गर्भवती महिला पुलिसकर्मी को उसके परिवार के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक रिपोर्ट के अनुसार परिवार ने आरोप लगाया है कि तालिबान ने हत्या को अंजाम दिया है। हालाँकि तालिबान ने हत्या की इन रिपोर्टों को खारिज किया है, एक पत्रकार ने गर्भवती महिला पुलिसकर्मी के परिवार के बयान के हवाले से तालिबान द्वारा हत्या किए जाने की रिपोर्ट दी है।
अफ़ग़ानिस्तान पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार बिलाल सरवरी ने ट्वीट किया, "महिला के परिवार वाले कहते हैं, 'घोर प्रांत में कल रात 10 बजे एक पुलिस अधिकारी निगारा की उसके बच्चों और पति के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। निगारा 6 महीने की गर्भवती थीं, तालिबान ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी'।"
“Nigara a police officer was shot dead infront of her kids and husband last night at 10PM in Ghor province. Nigara was 6 months pregnant, she was shot dead by the Taliban.” Her family members says. pic.twitter.com/w5vs1Eahsq
— BILAL SARWARY (@bsarwary) September 5, 2021
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपनी छवि सुधारने के प्रयास के तौर पर महिला अधिकारों के समर्थन का दावा करने वाले तालिबान ने इस बात से इनकार किया कि वे निगारा की हत्या में शामिल थे। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बीबीसी से कहा, 'हम घटना से अवगत हैं और मैं पुष्टि कर रहा हूँ कि तालिबान ने उसे नहीं मारा है, हमारी जाँच जारी है।' रिपोर्ट के अनुसार मुजाहिद ने कहा कि 'व्यक्तिगत दुश्मनी या कुछ और' कारणों से पुलिसकर्मी की हत्या की गई होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान ने पहले ही पिछले प्रशासन के लिए काम करने वाले लोगों के लिए आम माफ़ी की पुष्टि कर दी है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बीबीसी को बताया कि तालिबान ने शनिवार को महिला को उसके पति और बच्चों के सामने पीटा और गोली मार दी। कई अन्य लोग बदले की कार्रवाई के डर से बोलने से डर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन बंदूकधारी शनिवार को घर पहुँचे और परिवार के सदस्यों को बांधने से पहले उसकी तलाशी ली। बीबीसी द्वारा ज़िक्र किए गए एक गवाह के अनुसार, वे अरबी बोल रहे थे।
पुलिसकर्मी की हत्या एक महिला कार्यकर्ता की हत्या के बाद हुई है। उस महिला कार्यकर्ता ने तालिबान शासन के तहत राजनीतिक अधिकारों की मांग करते हुए काबुल में एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था। आरोप लगाया गया था कि पिछले शनिवार को तालिबान के लड़ाकों ने उन्हें पीटा था। एक वीडियो में दिखा था कि एक्टिविस्ट नरगिस सद्दात के चेहरे से ख़ून बह रहा था।
अमेरिका की अफ़ग़ानिस्तान से वापसी के बीच 15 अगस्त को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा किए जाने के बाद से ही अफ़ग़ानिस्तान में अफरा तफरी का माहौल है। बड़ी संख्या में अफ़ग़ान नागरिक देश छोड़कर जाना चाहते हैं। तालिबान शासन में महिलाओं की स्थिति बेहद ख़राब होने की आशंका में महिलाएँ प्रदर्शन कर रही हैं और महिलाओं के अधिकारों की मांग कर रही हैं। पिछले 3-4 दिनों से महिलाओं ने विरोध काफ़ी तेज कर दिए हैं।
बहरहाल, तालिबान ने कहा है कि वे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेंगे और एक समावेशी सरकार बनाएंगे। लेकिन तालिबान के इन आश्वासनों को संदेह की नज़र से देखा जा रहा है।
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