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वह इयरफ़ोन पर गाने सुनते हुए करता रहा शरीर के टुकड़े

जमाल ख़ाशोगी इस्ताम्बुल में सऊदी कौंसुलेट से 2 अक्तूबर को ग़ायब हो गये थे। एक न्यूज़ वेबसाइट 'मिडिल ईस्ट आइ' ने तुर्की की ख़ुफ़िया एजेन्सियों के हवाले से ख़ाशोगी की हत्या की ख़बर दी। इसकी जांच कर रही तुर्की की ख़ुफ़िया एजेन्सियों के सूत्रों का दावा है कि एक अॉडियो टेप उनके हाथ लगा है। इसमें सऊदी अरब का डॉक्टर और लेफ्टिनेंट कर्नल सलाह मुहम्मद-अल-तुबैग़ी की आवाज़ रिकॉर्ड है। यह रिकॉर्डिंग ख़ाशोगी के एप्पल मोबाइल से ही की गई है।जांच अधिकारियों का कहना है कि ख़ाशोगी के शरीर को काटते वक़्त तुबैग़ी काे अॉडियो रिकॉर्डिंग में सुना जा सकता है। उसके साथ 15 लोगों का एक दल था। तुबैग़ी की देखरेख में ही ख़शोगी की हत्या की गई। जब उनके शरीर को धड़ से अलग करने से पहले उसके लोग कुल्हाड़ी से उंगलियां काट रहे थे तब ख़शोगी की तेज़ दिल दहलाने वाली चीख़ें निकल रही थीं। तुबैग़ी ने उस समय कमरे में मौजूद अपने बाक़ी साथियों से कहा, "जब भी मैं ऐसा काम करता हूं, तो हमेशा हेडफ़ोन से संगीत सुनता हूं। आप लोगों को भी ऐसा ही करना चाहिए।"
Salah Mohammed al-Tubaigy says When I Do This Job, I Listen To Music - Satya Hindi
सलाह मुहम्मद-अल-तुबैग़ी
रिपोर्टों में कहा गया है कि शायद ख़ाशोगी को ड्रग्स का कोई इंजेक्शन दिया गया था जिससे कि हत्या के दौरान चीख़ें तो नहीं निकलें, लेकिन वे बेहोश भी नहीं हों। हालांकि, इसके बावज़ूद ख़ाशोगी की चीख़ें निचली मंज़िल तक पहुंच रही थीं। इस टेप को सुनने वाले अधिकारियों ने बताया कि ख़ाशोगी को कौंसल-जनरल के कक्ष से घसीट कर बग़ल के कमरे में उनके स्टडी टेबल पर ले जाया गया। जांच अधिकारियों का कहना है कि तुबैग़ी अपने साथ हड्डी काटने वाली कुल्हाड़ी लेकर आया था। माना जा रहा है कि पहले से ही तड़पा- तड़पा कर मारने की साज़िश रची गई थी। ख़ाशोगी दो अक्तूबर को अपने विवाह के सिलसिलें में कुछ काग़ज़ लेने इस्ताम्बुल कौंसुलेट गये थे, उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला। उनके कौंसुलेट के भीतर जाने का सीसीटीवी फ़ुटेज तो है, लेकिन बाहर निकलने का कोई फ़ुटेज अब तक सामने नहीं आया है। ख़ाशोगी की हत्या के ठीक पहले जो 15 सऊदी दल एक प्राइवेट जेट से रहस्यमय तरीक़े से तुर्की पहुंचा था, उसमें तुबैग़ी भी शामिल था।

कई विभागों के प्रमुख हैं तुबैग़ी 

तुबैग़ी सऊदी अरब के जनरल सिक्योरिटी विभाग का फ़ोरेन्सिक प्रमुख है। सऊदी अरब मंत्रालय में वह लीगल मेडिसीन डिपार्टमेंट का वह प्रमुख भी है। उसने इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ़ ग्लास्गो मेडिकल स्कूल से फ़ोरेंसिक पैथोलॉजी में 2004 में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। यूनिवर्सिटी स्तर पर पढ़ाई में अपनी कक्षाओं में पहले स्थान पर रहा था। उसने फ़ोरेंसिक पैथोलॉजी पर कई किताबें भी लिखी है।
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क़मर वहीद नक़वी

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