दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के लश्कर गाह शहर में अफ़ग़ान सेना और तालिबान के बीच ज़बरदस्त लड़ाई चल रही है। स्थिति यह है कि सड़कों पर लोगों की लाशें बिछी पड़ी हैं।
हेलमंद समेत तीन प्रांतों की राजधानियों में तालिबान सैनिक दाखिल हो चुके हैं और अफ़ग़ान सेना को कड़ी चुनौती दे रहे हैं।
इस कठिन हालत में क़ाबुल ने भारत से अपील की है कि वह तालिबान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाए।
भारत इस महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया है।
सड़कों पर लाशें
बीबीसी के अनुसार, लश्कर गाह शहर में तालिबान विद्रोहियों और सेना के बीच हज़ारों नागिरक फँसे हुए हैं, पूरे शहर में अफरातफरी का माहौल है, लोग घबराए हुए हैं, हज़ारों लोगों ने भाग कर पास के हेलमंद में शरण ली है।
अफ़ग़ान सेना के एक अफ़सर ने बीबीसी से कहा,
“
सड़कों पर लाशें बिछी हुई हैं, हम नहीं जानते कि वे तालिबान के लोगों के शव हैं या आम नागरिकों के।
अफ़ग़ान सेना
कुछ स्थानीय लोगों ने भी इस समाचार एजेन्सी से कहा है कि उन्होंने सड़कों पर कई लाशें देखी हैं।
लश्कर गाह में पिछले एक दिन में 40 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।
हेलमंद निशाने पर क्यों?
हेलमंद की लड़ाई तालिबान और अफ़ग़ान दोनों पक्षों के लिए अहम इसलिए है कि यहाँ कुछ दिन पहले तक अमेरिकी सेना मौजूद थी। उसके हटते ही तालिबान ने उस ओर रुख किया और हमला बोल दिया। वे कई अहम ठिकानों पर लड़ रहे हैं।
हेलमंद का हाल यह है कि अफ़ग़ान सेना के प्रांतीय परिषद के प्रमुख ने बीबीसी से कहा,
“
हेलमंद हमारे हाथों से निकलता जा रहा है।
अताउल्लाह अफ़ग़ानी, प्रमुख, प्रांतीय परिषद, अफ़ग़ान सेना
कांधार
हेलमंद के अलावा तालिबान कांधार पर भी क़ब्जे की कोशिश में हैं, जो किसी समय उसका अड्डा हुआ करता था। अमेरिकी सेना ने उन्हें वहाँ से खदेड़ दिया था। तालिबान एक बार फिर इस पर क़ब्जा करना चाहता है।
हेरात
इसी तरह हेरात प्रांत भी लड़ाई चल रही है और हज़ारों लोगों को घर-बार छोड़ कर भागना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र अफ़ग़ानिस्तान सहायता मिशन ने कंधार, लश्कर गाह और दूसरे इलाक़ों में आम नागरिकों के मारे जाने पर चिंता जताई है।
Civilians are bearing the brunt as fighting enters #Afghanistan’s cities. At least 10 civilians killed, 85 wounded in #Lashkagah & at least 5 killed, 42 wounded in #Kandahar in last 3 days alone. Thousands displaced. Likely many more. Population living in fear. 1/2 pic.twitter.com/wps8KPyLQc
— UNAMA News (@UNAMAnews) August 3, 2021
रक्षा मंत्री के घर पर हमला
तालिबान लड़ाके क़ाबुल तक पहुँच गए हैं। उन्होंने केंद्रीय क़ाबुल में देश के रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह ख़ान मुहम्मदी के घर पर बम विस्फोट किया और बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इस हमले में में कम से कम आठ लोग मारे गए हैं।
रक्षा मंत्री उस समय घर पर नहीं थे, वे बाल-बाल बच गए। उनके परिवार को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया है। उनका घर अति सुरक्षित समझे जाने वाले ग्रीन ज़ोन में स्थित है।
यह एक आतंकवादी हमला था, जिसकी ज़िम्मेदारी तालिबान ने ली है और चेतावनी दी है कि इस तरह के और हमले होंगे।
नागरिकों का विरोध
इस हमले से गुस्साए हज़ारों नागरिक अपने- अपने घरों की छतों पर आ गए और 'अल्लाहो अकबर' और तालिबान के ख़िलाफ़ नारे लगाए। इसके बाद तालिबान लड़ाके वहां से चले गए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हेरात प्रांत में इसके परिसर पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए हिंसा रोकने की अपील की है।
भारत से अपील
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद हनीफ़ अत्मार ने मंगलवार की रात भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को फोन किया।
उन्होंने उनसे गुजारिश की कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की हिंसा को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई जानी चाहिए। उन्होंने इसमें भारत से मदद करने की अपील की।
केंद्रीय अफ़ग़ानिस्तान के परवान प्रांत में तालिबान के साथ झड़प में सुरक्षा बल के दो जवान मारे गए हैं।
सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए तालिबान के 455 लड़ाकों के मारे जाने और 232 लोगों के बुरी तरह घायल होने का दावा किया है।
बता दें कि तालिबान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और उन्होंने देश के 85 प्रतिशत हिस्सों पर क़ब्जा कर लेने का दावा किया है।
इस दावे की स्वंतत्र पुष्टि नहीं हो सकी है, पर इस सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता है कि तालिबान को रोकने में अफ़ग़ान सेना को दिक्क़तें हो रही हैं।
दो हफ़्ते पहले की एक लड़ाई में उसके सैनिक भाग कर पड़ोसी देश ताज़िकिस्तान चले गए थे। ताज़िक सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए उन सैनिकों को अफ़ग़ान सेना को सौंप दिया।
अपनी राय बतायें