loader

अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन, हसन अखुंद सरकार के प्रमुख

तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में नई सरकार के गठन का एलान कर दिया है। मुल्ला हसन अखुंद को मंत्रिमंडल का प्रमुख बनाया गया है। हालांकि प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है, पर समझा जाता है कि वे प्रधानमंत्री ही होंगे। 

पहले से चल रही संभावनाओं के मुताबिक़ ही हक्क़ानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्क़ानी को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी गई है। वे आंतरिक मामलों के मंत्री होंगे।  

taliban forms govt in afghanistan2 - Satya Hindi
मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर, केंद्रीय मंत्री, अफ़ग़ानिस्तान
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इसका एलान करते हुए कहा कि मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर मुल्ला हसन अखुंद के सहायक होंगे, यानी वे नंबर दो की हैसियत से होंगे। इसी तरह मुल्ला अब्दुल सलाम हनफ़ी भी सरकार में नंबर दो की हैसियत पर होंगे।
taliban forms govt in afghanistan2 - Satya Hindi
सिराजुद्दीन हक्क़ानी, आंतरिक सुरक्षा मंत्री, अफ़ग़ानिस्तान
मुल्ला याक़ूब को रक्षा मंत्रालय मिला है। ये तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे हैं। वे कुछ समय तक तालिबान के प्रमुख भी थे, बाद में सत्ता संघर्ष में उन्हें पद से हटना पड़ा था। 
उनके रक्षा आयोग के प्रमुख बनने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। इस पद पर उनकी और सिराजुद्दीन हक्क़ानी के बीच ठनी हुई थी।

हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा क्यों नहीं?

बता दें कि पहले तालिबान ने यह संकेत दिया था कि मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा सरकार के प्रमुख होंगे और उनके नीचे तीन सहायक होंगे। वे होंगे- मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर, मुल्ला याक़ूब और सिराजुद्दीन हक्क़ानी। लेकिन अंतिम समय में अखुंदज़ादा को इसमें शामिल नहीं किया गया। 

अमीर ख़ान मुतक़ी को विदेश मंत्री बनाया गया है। इस पर लोगों को थोड़ा ताज्जुब हो रहा है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस पद के सबसे मजबूत दावेदार स्तानिकज़ई माने जा रहे थे।
दीन मुहम्मद को अफ़ग़ानिस्तान का वित्त मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही मुहम्मद इदरीस को केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया है। 
वित्त मंत्री दीन मुहम्मद के लिए यह बेहद मुश्किल और चुनौती भरा काम होगा। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अफ़ग़ानिस्तान को प्रतिबंधित कर रखा है। इसके अलावा अमेरिका ने लगभग 9 अरब डॉलर की रकम पर रोक लगा दी है।

नई अफ़ग़ान सरकार

  1. मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद- प्रधानमंत्री
  2. मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर   - उप प्रधानमंत्री
  3. मुल्ला अब्दुल सलाम हनफ़ी- उप प्रधानमंत्री
  4. मुल्ला याक़ूब-                     रक्षा मंत्री
  5. सिराजुद्दीन हक्क़ानी-           आतंरिक सुरक्षा मंत्री
  6. मुल्ला अमीर ख़ान मुतक़ी-    विदेश मंत्री
  7. दीन मुहम्मद-                     वित्त मंत्री

समावेशी सरकार?

तालिबान पर यह दबाव लगातार बन रहा था कि वे एक समावेशी सरकार बनाएं, जिसमें समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिले। चीन, क़तर और तुर्की तक उस पर इसके लिए दबाव डाल रहे थे।

पाकिस्तान इस रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ था। वह हर सूरत में अपने आदमी सिराजुद्दीन हक्क़ानी को प्रमुख बनाना चाहता था, तालिबान के तमाम नेता इसके ख़िलाफ़ थे।

सरकार गठन में आईएसआई की भूमिका?

बता दे कि दो दिन पहले पाकिस्तानी खुफ़िया एजेन्सी आईएसआई के प्रमुख फ़ैज हमीद काबुल गए थे और तालिबान के नेताओं से मुलाक़ात की थी। समझा जाता है कि उन्होंने सरकार गठन पर विचार विमर्श किया था। 
taliban forms govt in afghanistan2 - Satya Hindi
काबुल में आईएसआई प्रमुख हफ़ीज़ हमीद
आईएसआई की दिलचस्पी सिराजुद्दीन हक्क़ानी के अलावा गुलबुद्दीन हिक़मतयार को भी मंत्रिमंडल में शामिल कराने में थी। हिक़मतयार पहले मुजाहिदीन नेता थे और उन्होंने सीआईए की मदद से रूसी फ़ौज के ख़िलाफ़ लंबी लड़ाई लड़ी थी। वे एक तरह से वॉर लॉर्ड हैं।
मुल्ला हसन अखुंद और सिराजुद्दीन हक्क़ानी, दोनों ही अमेरिकी एजेन्सी एफ़बीआई की ओर से घोषित आतंकवादियों की सूची में थे।

'हम क़बीला नहीं'

तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम कोई क़बीलाई ताक़त नहीं है। हमें उम्मीद है कि सभी देश हमें और हमारी इसलामी सरकार को मान्यता देंगे। हम तो अमेरिका से लड़ाई के बावजूद उससे बेहतर रिश्ते चाहते हैं।"
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें