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हिंसा की आशंका के बीच अमेरिका में मतदान जारी

तमाम तरह की आशंकाओं के बीच अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। ईस्ट कोस्ट के कई इलाकों मसलन न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और वर्जीनिया में लोगों ने मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले वोटिंग न्यू हैंपशायर में शुरू हुई।
पूरी दुनिया की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हुई हैं। इस बार के अमेरिकी चुनाव को अब तक का सबसे अधिक ध्रुवीकृत और बँटा हुआ चुनाव माना जा रहा है। इसकी तुलना 1970 के दशक में वियतनाम युद्ध के दौरान हुए चुनावों से की जा रही है।
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पहला वोट न्यू हैंपशायर में 

डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने कुछ देर पहले पेनसिलवेनिया के पिट्सबर्ग में लोगों की तालियों के बीच दावा किया कि वह चुनाव जीतने जा रहे हैं। उनकी इस चुनाव रैली में मशहूर गायिका लेडी गागा भी मौजूद थीं और उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बाइडन को वोट दें।
दूसरी ओर, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने मिशिगन के ग्रैंड रैपिड्स में अपना चुनाव प्रचार ख़त्म किया और ह्वाइट हाउस लौट गए। यही वह जगह है, जहां उन्होंने पिछले चुनाव में अपना प्रचार-अभियान ख़त्म किया था। 2016 के चुनाव में उनके ख़िलाफ़ डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन थीं। हालाँकि तब क्लिंटन को काफ़ी अधिक 'पॉपुलर वोट' मिले थे, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव ट्रंप ने जीता क्योंकि उन्हें 'इलेक्टोरल वोट' अधिक मिले थे।

'ट्रंप सामान पैक कर लें'

ट्रंप ने मिशिगन की रैली में कहा, 'हम इतिहास रचने जा रहे हैं।' लेकिन डेमोक्रेट उम्मीदवार बाइडन ने अपनी अंतिम चुनाव रैली में ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा, 'अब समय आ गया है कि ट्रंप अपना सामान पैक कर लें।'
उन्होंने कहा,

'बहुत अफरातफरी हो गई, नफ़रत हो गया, गुस्सा हो गया, ट्वीट्स हो गए, अब लापरवाही की इंतिहा हो चुकी है।'


जो बाइडन, राष्ट्रपति उम्मीदवार, डेमोक्रेटिक पार्टी

हिंसा की आशंका

बता दें कि भारतीय समयानुसार मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक यानी चुनाव के दिन अमेरिका में बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका जताई जा रही है। यदि ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा कि राष्ट्रपति चुनाव में खून-ख़राबा हो। 
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार, 'आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा प्रोजेक्ट' और 'मिलिशियावॉच' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पेनसिलवेनिया, जॉर्जिया, मिशिगन और विस्कोन्सिन जैसे 'बैटलग्राउंड स्टेट्स' यानी कांटे की टक्कर वाले राज्यों में हिंसा हो सकती है।
दक्षिणपंथी मिलिशिया यानी हथियारबंद समूहों से डोनल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन की नज़दीकी जगज़ाहिर है। ये मिलिशिया या हथियारबंद लोग हिंसा और ख़ून-ख़राबे की खुले आम वकालत करते हैं।
कम से कम 9 मिलिशिया ऐसे हैं जो खुले आम ट्रंप का समर्थन भी करते हैं। इनमें से कुछ चर्चित समूह हैं- प्राउड बॉयज़, पैट्रियट प्रेयर, ओथ कीपर्स, लाइट फ़ुट मिलिशिया, सिविलियन डिफेन्स फोर्स, अमेरिकन कंटेनजेन्सी और बुगालू बॉयज़।
कौन बनेगा अमेरिका का राष्ट्रपति? देखें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का क्या कहना है। 
बहरहाल, बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर जमा होने लगे हैं और मतदान शुरू हो चुका है। सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है और पूरी व्यवस्था चौक चौबंद की जा चुकी है।
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क़मर वहीद नक़वी

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