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अमेरिकी चेतावनी : 90 दिनों में अफ़ग़ान सरकार पर तालिबान कर लेगा क़ब्ज़ा

ऐसे समय जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के आठ प्रांतों पर क़ब्ज़ा कर लिया है और अफ़ग़ान सेना बुरी तरह हार रही है, अमेरिकी ख़ुफ़िया विशेषज्ञों ने काबुल में सरकार के पतन की भविष्यवाणी की है। 

अमेरिका के ख़ुफ़िया अधिकारियों ने समाचार एजेन्सी 'रॉयटर्स' से कहा है कि "यदि तालिबान इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो वह 30 दिनों में राजधानी काबुल को शेष देश से काट देगा और 90 दिनों में सरकार को अपदस्थ कर कमान अपने हाथ में ले लेगा।" 

लेकिन उन्होंने इसके साथ ही यह उम्मीद भी जताई है कि यदि अफ़ग़ान सेना ठीक से लड़ी तो इसे रोका जा सकता है। 

नौवें प्रांत ग़ज़नी पर नियंत्रण

तालिबान का दावा है कि उसने देश के 85 प्रतिशत इलाक़े पर क़ब्जा कर लिया है। निष्पक्ष व स्वतंत्र एजेन्सियाँ भी यह मानती हैं कि अफ़ग़ानिस्तान के दो तिहाई हिस्से पर तालिबान का नियंत्रण है। 

इस बीच रॉयटर्स ने यह ख़बर भी दी है कि तालिबान लड़ाकों ने एक और प्रांत ग़ज़नी पर नियंत्रण कर लिया है। यह नौवाँ प्रांत है जो इस चरमपंथी गुट के क़ब्ज़े में आ गया है। 

ग़ज़नी प्रांतीय परिषद के प्रमुख नसीर अहमद फकीरी ने समाचार एजेन्सी एएफ़पी से कहा 

तालिबान ने शहर को प्रमुख क्षेत्रों, गवर्नर के कार्यालय, पुलिस मुख्यालय और जेल पर नियंत्रण कर लिया है। शहर के कुछ हिस्‍सों में लड़ाई चल रही है, लेकिन गज़नी शहर के ज़्यादातर इलाक़े विद्रोहियों के नियंत्रण में हैं।


नसीर अहमद फकीरी, अध्यक्ष, ग़ज़नी प्रांतीय परिषद

तालिबान प्रवक्‍ता ने सोशल मीडिया पर एक बयान पोस्‍ट कर कहा कि ग़ज़नी शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया गया है। 

ग़ज़नी का सामरिक महत्व यह है कि यह उस राजमार्ग पर स्थित है जो राजधानी काबुल को जोड़ता है। ग़ज़नी अफ़ग़ान राजधानी से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर है। 

तालिबान ने कुंदूज़ प्रांत पर तो पहले ही क़ब्ज़ा कर लिया था, उसने अब उसके सबसे बड़े शहर कुंदूज़ के हवाई अड्डे पर भी नियंत्रण कर लिया है। दूसरी ओर इसने फ़रह प्रांत के शबरग़न शहर के हवाई अड्डे पर भी क़ब्जा कर लिया है।

क्या कहना है पाकिस्तान का?

तालिबान लड़ाकों ने बुधवार को बदक्शान प्रांत की राजधानी फ़ैज़ाबाद शहर को नियंत्रण में ले लिया। 

इस तरह के ख़ून ख़राबे और हिंसा के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का बयान साफ बता रहा है कि इसलामाबद की क्या मंशा है और वह किस रणनीति पर काम कर रहा है।

इमरान ख़ान ने बुधवार को कहा है कि  जब तक अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी अपने पद पर हैं, तालिबान काबुल से किसी तरह की बातचीत नहीं करेगा। 

US warns : taliban may capture kabul afghanistan in 90 days - Satya Hindi
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, 

जब तालिबान के लोग तीन-चार महीने पहले यहाँ आए थे तो मैंने उन्हें बातचीत पर राज़ी होने के लिए बहुत समझाया था। पर उनकी शर्त है कि इसके पहले अशरफ़ ग़नी को राष्ट्रपति पद से हटना होगा।


इमरान ख़ान, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान

पाकिस्तान पर आरोप

इमरान ख़ान का यह बयान अहम इसलिए है कि अफ़ग़ानिस्तान के उप राष्ट्रपति ने बीते दिनों यह खुले आम कहा कि तालिबान की इस बढ़त के पीछे पाकिस्तान है। उनका कहना है कि पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के ज़रिए नियंत्रण करना चाहता है। 

उप राष्ट्रपति अमीरुल्ला ने ट्वीट कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि वह अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद को समर्थन दे रहा है। 

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वॉर लॉर्ड्स से मिले राष्ट्रपति

इस बीच अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने यह ख़बर भी दी है कि अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने स्थानीय हथिारबंद गुटों के प्रमुखों में से दो सबसे प्रभावशाली लोग अब्दुल रशीद दोस्तम और अता मुहम्मद नूर से मुलाक़ात की है। 

राष्ट्रपति ने इसके पहले अपील कर इन कमान्डरों से कहा था कि वे अफ़ग़ान सरकार की मदद करें। उन्होंने इसके साथ ही आम जनता से अपील की है कि वे लोकतंत्र बचाने के लिए सामने आएं। 

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क़मर वहीद नक़वी

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