loader

डब्ल्यूएचओ ने चेताया, अब अमेरिका हो सकता है कोरोना महामारी का केंद्र

अमेरिका में कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि यूरोप के बाद अब कोरोना महामारी का केंद्र अमेरिका हो सकता है। सबसे ज़्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों के मामले में चीन और इटली के बाद अमेरिका तीसरे नंबर पर आ गया है। पिछले एक हफ़्ते में वहाँ इन मामलों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। एक दिन पहले ही अमेरिका में सिर्फ़ एक दिन में ही 11 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही वहाँ 54 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं, जबकि चीन में क़रीब 81 हज़ार और इटली में क़रीब 69 हज़ार। 

ताज़ा ख़बरें
फ़िलहाल यूरोप इस महामारी का केंद्र है। यूरोप में इटली, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस में सबसे ज़्यादा मामले सामने आए। इटली में हालत बिगड़ने का ही नतीजा था कि डब्ल्यूएचओ ने क़रीब 10 दिन पहले कहा था कि कोरोना वायरस महामारी का केंद्र यूरोप हो गया है। पहले यह चीन में था। चीन ही वह देश है जिसके वुहान शहर में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। तब डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि हर रोज़ अब यूरोप में उतने पॉजिटिव केस आ रहे हैं जितने केस चीन में भी कभी नहीं आए थे। अब वैसी ही स्थिति अमेरिका में भी बनने लगी है। 
दुनिया से और ख़बरें

अमेरिका में स्थिति बिगड़ने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप निशाने पर हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ने इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए तेज़ी नहीं दिखाई और इस पूरे मामले में लचर रवैया अपनाया। आरोप ये भी लगाए जा रहे हैं कि चीन के बाद यूरोप के देशों में हालत बिगड़ने पर भी ट्रंप सरकार नहीं चेती और सख़्त क़दम नहीं उठाए गए। इसी कारण अब यह वायरस तेज़ी से फैल रहा है। पॉजिटिव मामले तो तेज़ी से बढ़े ही हैं, मौत के मामले भी हाल के दिनों में ज़्यादा आए हैं। 

अमेरिका में अब तक साढ़े सात सौ से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। इटली में सबसे ज़्यादा 6820 मौतें हुई हैं, जबकि चीन में 3281, स्पेन में 2991, जर्मनी में 159 और फ्रांस में 1100 लोगों की। पूरी दुनिया में अब तक 4 लाख 22 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 18 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें