भारत सहित उन तमाम देशों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बेहद अहम सुझाव दिया है जो लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाने की तैयारी में हैं। इसने कहा है कि प्रतिबंधों को हटाने पर अत्यधिक सतर्कता ज़रूरी है क्योंकि वायरस के फैलने का दूसरा फ़ेज आ सकता है। उन कई देशों में वायरस फिर से तेज़ी से फैलने लगा है जहाँ पहले यह काफ़ी धीमा पड़ गया था। जर्मनी ने जब लॉकडाउन में ढील दी तो पॉजिटिव मामले बढ़ने लगे। दक्षिण कोरिया में भी देखने को मिला है कि नाइट क्लब में फिर से कई मामले पॉजिटिव आने लगे हैं।
डब्ल्यूएचओ का यह सुझाव भारत के लिए भी अहम है। क्योंकि भारत ने भी धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देनी शुरू कर दी है। चार मई से जब लॉकडाउन को बढ़ाया गया था तो सरकार ने देश के सभी 773 ज़िलों को तीन क्षेत्रों- रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन में बाँटा, ताकि कुछ ज़िलों में आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जा सके। अब तो ट्रेन सेवाएँ भी शुरू कर दी गई हैं।
माना जा रहा है कि लॉकडाउन में अब ज़्यादा ढील दी जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ जो वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की है उसमें इसके संकेत मिलते हैं। कहा जा रहा है कि 17 मई के बाद लॉकडाउन को रेड ज़ोन, हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट ज़ोन में फिर से बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ही दूसरे क्षेत्रों में और ढील दी जा सकती है।कई देशों में लॉकडाउन में ढील दिए जाने के मद्देनज़र ही डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन कार्यक्रम के प्रमुख डॉ. माइक रयान ने कहा है कि कई देश तथाकथित इस लॉकडाउन से बाहर निकल रहे हैं तो हम कुछ उम्मीद देख रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अत्यधित सतर्कता बरतना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, 'अगर बीमारी निम्न स्तर पर बनी रहती है और बड़ी संख्या में जाँच करने की क्षमता नहीं हो तो हमेशा यह जोखिम होता है कि वायरस फिर से तेज़ी से फैलने लगेगा।'
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