बीते रविवार मुख्यमंत्री ने इसका नाम बदल कर ‘शिवाजी म्यूज़ियज़म’ रख दिया। उनके इस अप्रत्याशित निर्णय पर न सिर्फ़ इतिहास के अकादमिक क्षेत्रों में व्यापक नकारात्मक प्रतिक्रिया हुई है, बल्कि आगरा के सामान्य नागरिकों ने भी इसे ‘बेमतलब की कोशिश’ बताया है।
निर्वेंद्र मिश्रा की हत्या से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या उत्तर प्रदेश में जंगल राज है, कानून-व्यवस्था क्यों नहीं सुधर रही? इससे निपटने के लिए योगी सरकार के पास क्या योजना है?
आज शिक्षक दिवस है। यानी यह पहचानने का दिन कि एक सच्चा शिक्षक कैसा हो। अच्छे शिक्षक के गुण कैसे हों, पढ़िए आगरा के मशहूर आरबीएस कॉलेज के एक सच्चे शिक्षक की कहनी।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में गाँव के ही दलितों ने एक दलित जोड़े को गाँव के चौक में लाकर बुरी तरह मारा-पीटा, चेहरा पोत कर जूते की माला पहनाई और दोनों के सिर पर उस्तरा चला दिया।
हाल के घटनाक्रम ने एक बार फिर दिखा दिया है कि कांग्रेस में आतंरिक लोकतंत्र नहीं है। यदि पार्टी को जीवित रहना है तो उसे आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करना ही होगा। बता रहें हैं पत्रकार अनिल जैन।
'नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा' (एनएसडी) की तर्ज़ पर खोले गए इन स्कूलों में एक (भोपाल) में शिक्षण के लिए कोई फ़ैकल्टी (अध्यापक) नहीं है।धरने पर बैठे छात्रों में से 8 को बीते सोमवार 'स्कूल' से निष्कासित कर दिया गया है।
'181 महिला हेल्पलाइन' में काम करने वाली महिलाओं को 1 साल से वेतन नहीं मिला है। ये परेशान हाल औरतें प्रदेश की राजधानी के 'ईको गार्डन' में सप्ताह भर से धरने पर बैठी हैं।
34 यात्रियों से भरी प्राइवेट बस को देर रात आगरा से अपहृत करके अज्ञात स्थान पर रखने और 15 घंटे बाद अपहरणकर्ताओं द्वारा इटावा के एक ढाबे के सामने छोड़ कर चले जाने की कहानी लोगों के गले नहीं उतर रही है।
2002 का वाक़या है। हंगल साहब तब हाल ही में 'इप्टा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। हमारी पहली मुलाक़ात थी। मैंने उनसे लंबी बातचीत की। पेश है उस बातचीत का कुछ अंश।
ए के हंगल कहते हैं ‘बात यह है कि डेट ऑफ़ बर्थ मालूम नहीं थी। फ़िल्मी पत्रकार पूछते-आपकी जन्मतिथि कब की है... मैंने कहा कोई भी डेट लिख दे। तो मैंने कह दिया- पंद्रह अगस्त। चल निकली यही डेट। मिलने लगीं फ़िल्मी बधाइयाँ। हा हा!'
फ़िल्म व थिएटर के मशहूर अभिनेता मसूद अख़्तर ने घोषणा की है कि वह उस्ताद के ऊपर बनाई अपनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म कहाँ कहाँ से गुज़रे सथ्यू की प्रस्तुतियाँ पूरे साल देश भर में करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे एनकाउंटर पर पुलिस का एफ़िडेविट जो दायर किया गया है उसमें झोल ही झोल हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे एनकाउंटर पर पुलिस का एफ़िडेविट जो दायर किया गया है उसमें झोल ही झोल हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
3 साल के अपने शासन के दौरान एनकाउंटरों में हुई सवा सौ से ज़्यादा मौतों को 'जायज़' ठहराने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आत्मरक्षार्थ रणनीति अपनाने का यह पहला मौक़ा है।