पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
चीनी सैनिकों के साथ लड़ाई में घायल हुए जवान सुरेंद्र सिंह के परिवार ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में सैनिक निहत्थे गए थे। फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या देश से झूठ बोला कि गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिक हथियार लेकर गये थे?