लेखक ने पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नेपाल और भूटान से राजनीति, उग्रवाद, पर्यटन, पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग की है। समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आख़िरी तीन चरण ख़ासकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी प्रमुख ममता बनर्जी के लिये बेहद अहम हैं। इस दौर में चार मुसलिम बहुल इलाक़ों की सीटें ममता की सत्ता में वापसी में सबसे निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।
बीजेपी ने भी प्रधानमंत्री समेत बाक़ी नेताओं की रैलियों में भीड़ की संख्या पाँच सौ तक रखने की बात कही है। लेकिन न तो उसने किसी रैली में कटौती की बात कही है और न ही भीड़ को पाँच सौ तक सीमित रखने का कोई फ़ॉर्मूला बताया है।
पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में बीते क़रीब तीन दशकों से हर चुनाव में सबसे अहम मुद्दा रहा गोरखालैंड अबकी विधानसभा चुनाव में परिदृश्य से ग़ायब है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पाँचवें चरण में शनिवार को छह ज़िलों की जिन 45 सीटों के लिए मतदान होना है उनमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और अबकी सत्ता की प्रमुख दावेदार के तौर पर उभरी बीजेपी के बीच काँटे की टक्कर है।
उत्तर बंगाल के नाम से मशहूर पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए साख औऱ नाक का सवाल बनता जा रहा है। इस इलाके में 56 सीटें हैं। तृणमूल यहाँ कमजोर रही है। बीते लोकसभा चुनावों में तो उसका खाता तक नहीं खुल सका था।
तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे पीके पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में हैट्रिक बनाने का सपना देख रही ममता की पार्टी के लिए वरदान साबित होंगे या अभिशाप?
यूं तो बीते साल जुलाई में शपथ लेने के साथ ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच छत्तीस का आंकड़ा बनने लगा था।
अमित शाह के दौरे के समय शनिवार को अपने दल-बल के साथ भगवा झंडा थामने वाले शुभेंदु अधिकारी हों या फिर दो साल पहले टीएमसी से नाता तोड़ कर बीजेपी के पाले में जाने वाले मुकुल राय, किसी का दामन उजला नहीं है।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सत्ता के सबसे बड़े दावेदार के तौर पर उभरी भारतीय जनता पार्टी के बीच लगातार तेज़ होती राजनीतिक शतरंज की बाज़ी में राज्य काडर के आईपीएस अधिकारी मोहरा बनते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले साल विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के सभी परिवारों को स्वास्थ्य साथी मेडिकल बीमा योजना के तहत शामिल करने का एलान किया है। चुनाव से पहले ममता का मास्टर स्ट्रोक?
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बागी तेवर दिखा रहे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने अब परिवहन मंत्री पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया है।
बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड या हिंदू राष्ट्रवाद के मुकाबले के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बांग्ला राष्ट्रवाद को ही अपना हथियार बनाने का फ़ैसला किया है।
बिहार विधानसभा चुनावों में जीत के अगले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मौत के खेल’ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठोस संदेश देते हुए मिशन बंगाल की शुरुआत कर दी है।
लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण और इसकी वजह से चले लंबे लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा की तसवीर भी बदल दी है। इसके बावजूद आयोजकों और कलाकारों ने थीम-आधारित मूर्तियों और पंडालों की अपनी परंपरा जस की तस बरक़रार रखी है। प
पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा पर सियासत का रंग तो कोई दो दशक पहले से ही घुलने लगा था। लेकिन इस साल यह रंग कुछ ज्यादा ही चटख नजर आ रहा है।
कोलकाता से सटे उत्तर 24 पररगना ज़िले के बैरकपुर इलाक़े में रविवार रात मोटरसाइकिल पर सवार कुछ अज्ञात हमलावरों ने बेहद नज़दीक से गोली मार कर शुक्ल की हत्या कर दी।
ममता ने अपने 9 पेज के जवाबी पत्र में राज्यपाल पर राजनीतिक पार्टी के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए उनको संविधान के दायरे में रहने की नसीहत दी है। उसके बाद राज्यपाल ने भी ममता के पत्र का बिंदुवार जवाब दिया है।