इसी साल मार्च महीने में सिंधिया ने कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने के एवज में बीजेपी ने सिंधिया को राज्यसभा की सीट से नवाज़ा है।
कमलनाथ की टिप्पणी को बीजेपी ने बड़ा सियासी मुद्दा बना लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के आला नेताओं ने सोमवार को प्रदेश भर में मौन धरने दिये।
शिवराज काबीना के एक सदस्य द्वारा कथित तौर पर वोटरों को नोट बाँटने संबंधी वीडियो के बाद अब दूसरे मंत्री का साड़ी बाँटते वीडियो वायरल हुआ है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायतें की हैं।
मध्य प्रदेश में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक दलित महिला द्वारा फाँसी लगाकर जान देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि रेप की रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही थी, उल्टे उसके परिजनों को ही पुलिस परेशान कर रही थी।
आदर्श चुनाव आचार संहिता के भय से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ही सूबे के 77 लाख किसानों को पैसे बाँट दिये। मध्य प्रदेश ने भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना शुरू की है।
देश में क्या अफीम की खेती की आवश्यकता है? यह सवाल सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद हालातों में मौत और इसमें बाॅलीवुड के कथित ड्रग्स कनेक्शन के बाद फिर गहरा गया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म की अपनी बुनियादी राह को ‘छोड़कर’ सॉफ्ट हिन्दुत्व का झंडा उठा रखा है और आज तक ‘भगवा’ से परहेज करती दिखने वाली यह पार्टी भगवा रंग में रंगी नज़र आ रही है।
इंदौर में ताजिए निकालने पर रासुका लगवाया गया था लेकिन अब बीजेपी ही उसे हटवाने की माँग करने लगी है। कोरोना में विधानसभा उपचुनाव प्रचार में बीजेपी कार्यकर्ता भी एनएसए की जद में आ सकते हैं।
मध्य प्रदेश में बड़ा चावल घोटाला सामने आया है। जानवरों को खिलाने वाला चावल पीडीएस में खपा दिया गया। दो ज़िलों के 22 मिलर्स और नौ अधिकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। सीबीआई जाँच की माँग की जा रही है।
ज़्योतिरादित्य सिंधिया पर हमलावर होना कहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस को भारी न पड़ जाए क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के साथ ऐसा हो चुका है।
कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने की अनिवार्यता एवं अन्य प्रोटोकाॅल क्या मध्य प्रदेश के राजनैतिक दलों, नेतागणों और कार्यकर्ताओं पर लागू नहीं होते?
सिंधिया और बीजेपी का यह ‘मेगा शो’ (सदस्यता अभियान) अगले तीन दिनों तक पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग में चलेगा। सिंधिया उन सभी 16 विधानसभा क्षेत्रों में जायेंगे, जहां उपचुनाव होना है।