जेएनयू में रविवार रात को नकाबपोशों द्वारा घातक हमले के बाद पुलिस ने दावा किया है कि कुछ नकाबपोशों की पहचान की गई है। हालाँकि अभी तक एक की भी गिरफ़्तारी नहीं हो पाई है। रात को दर्जनों नकाबपोशों ने जेएनयू परिस में लोहे की रॉड, हथौड़े, पत्थर से छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया था। इसमें कम से कम 34 लोग घायल हुए हैं। इस संबंध में कई शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
पुलिस ने कहा है कि कल की हुई हिंसा के संबंध में दायर कई शिकायतों को एक साथ जोड़कर एक एफ़आईआर दर्ज की गई है। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देवेंद्र आर्य ने कहा, 'हमलावरों की पहचान करने के लिए हम सोशल मीडिया पर वायरल हुए स्क्रीनशॉट और सीसीटीवी फ़ुटेज की पड़ताल कर रहे हैं।'
बता दें कि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि उन्होंने क़रीब 50 गुंडों को कैंपस में तोड़फोड़ और लोगों पर हमले करते देखा। अलग-अलग रिपोर्टों में नकाबपोश हमलावरों की संख्या इससे ज़्यादा भी बताई गई है। रात में स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस को जेएनयू कैंपस में फ़्लैग मार्च निकालना पड़ा था।
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