loader
अहमा जिया रोहानी।

अफ़ग़ानिस्तान में हालात बद से बदतर, छात्रों ने बताई आपबीती

तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर किये गए कब्जे के बाद अब भारत के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे अफ़ग़ान छात्रों की मुश्किलें भी बढ़ने लगी हैं। इन छात्रों के वीजा जल्द खत्म होने वाले हैं, जिससे इनके सामने एक और संकट खड़ा हो गया है। इन छात्रों को अफ़ग़ानिस्तान में रह रहे अपने परिवार वालों की भी चिंता सता रही है। 

इन छात्रों ने भारत में स्थित अफ़ग़ानिस्तान दूतावास से अपना वीजा बढ़ाने की गुहार लगाई है। 'सत्य हिंदी' ने महाराष्ट्र, गोवा और अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में रहने वाले कुछ छात्रों से बात की है।

महाराष्ट्र के पुणे में बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लिकेशन यानी बीसीए की पढ़ाई करने आए अहमा ज़िया रोहानी अफ़ग़ानिस्तान के कंधार के रहने वाले हैं। अहमा का कहना है कि वो पुणे यूनिवर्सिटी से बीसीए की पढ़ाई पूरी करके पिछले महीने ही कंधार चले गए थे। 

ताज़ा ख़बरें

अहमा को भरोसा था कि उन्हें कंधार या काबुल में कोई अच्छी नौकरी मिल जाएगी लेकिन उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें एक बार फिर से अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए भारत आना पड़ेगा। अहमा अपने पांच भाइयों, पांच बहनों और माँ-बाप को काबुल में छोड़कर पुणे आ गए हैं। 

वीजा बढ़ाने की अपील 

अहमा को अब अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है। अहमा का कहना है कि पिछले पांच दिनों से उनका उनके परिवार से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। उनका वीज़ा भी अगले 10 दिनों में ख़त्म हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने भारत सरकार से उनका वीज़ा बढ़ाने की अपील की है।

Afghan students stuck in India  - Satya Hindi
मुल्ला ग़नी बरादर।

अहमा ने बताया कि वह भारत में रहने का कोई दूसरा रास्ता ढूंढ रहे हैं। उनके पास ना तो रहने के लिए घर है और ना ही खाने-पीने का कोई सामान। अभी वह फिलहाल अपने दोस्त के यहां पुणे में रह रहे हैं। अहमा ने भारत सरकार से उन्हें नौकरी देने की भी गुहार लगाई है। 

भारत सरकार दे दख़ल

अहमा का कहना है कि जब उन्होंने काबुल छोड़ा था तो वहां हालात बद से बदतर थे। महिलाओं के साथ तालिबानी अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं। अहमा ने भारत सरकार से अफ़ग़ानिस्तान के हालातों पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

वहीं, हुसैन गौहरी अफ़ग़ानिस्तान के गज़नी के रहने वाले हैं और गोवा यूनिवर्सिटी से बीसीए की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। हुसैन ने 'सत्य हिंदी' से बातचीत में अफ़ग़ानिस्तान के हालातों के बारे में बताया कि उनके शहर गज़नी में हालात काफी ख़राब हैं। हुसैन पिछले 3 साल से गोवा में हैं और यहीं से पढ़ाई कर रहे हैं। 

हुसैन का इरादा गोवा यूनिवर्सिटी से एमसीए करने का भी है लेकिन उनका वीजा 31 अगस्त को खत्म हो जाएगा। ऐसे में हुसैन ने गोवा सरकार से उनका वीजा बढ़ाने की अपील की है। हुसैन के परिवार में तीन बहन और 7 भाई हैं। हुसैन अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। 

पिछले चार-पांच दिनों से हुसैन का अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से वह काफी तनाव में हैं। हुसैन का कहना है कि तालिबानियों ने काबुल को छोड़कर पूरे अफ़ग़ानिस्तान में इंटरनेट और फोन सिस्टम को पूरी तरह बंद कर दिया है।

घर में रहने का आदेश 

अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में रहने वाली परिसा फदायी ने काबुल से 'सत्य हिंदी' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि तालिबानियों ने काबुल में लोगों को घरों में ही रहने के आदेश जारी किए हैं। परिसा का कहना है कि तालिबानी महिलाओं से ज्यादा बदतमीजी से पेश आ रहे हैं। महिलाओं को घर के बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है। 

अकेले नहीं निकल सकती महिला 

परिसा काबुल में नौकरी करती हैं लेकिन पिछले कई दिनों से अपने ऑफिस नहीं जा पा रही हैं। परिसा ने बताया कि बगैर बुर्के और अपने पति, भाई या पिता के बगैर कोई भी महिला घर से बाहर नहीं निकल सकती। परिसा का भाई टोक्यो में नौकरी करता है लेकिन विमानों की आवाजाही बंद होने के चलते उसका भाई टोक्यो नहीं जा पाया है। 

देश से और ख़बरें

परिसा अपने देश के हालातों के बारे में बात करते करते हुए भावुक हो गईं। उनका कहना है कि पिछले 20 सालों में अफ़ग़ानिस्तान में सब कुछ बदल गया था लेकिन देश पर फिर से तालिबान के कब्जे के बाद सब कुछ खत्म हो गया है। परिसा महिलाओं के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं।

आपको बता दें कि अफ़ग़ानिस्तान से विमानों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है जिससे अफ़ग़ान लोग कहीं दूसरे देशों में भी नहीं जा पा रहे हैं। 

ऐसे में अफ़ग़ान छात्र महाराष्ट्र सरकार से भी अपील कर रहे हैं कि जब तक उनके देश के हालात नहीं सुधरते हैं तब तक उनके स्टूडेंट वीजा को नौकरी वीजा में तब्दील कर दिया जाए। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री असलम शेख का कहना है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर इन अफ़ग़ान छात्रों की हर संभव मदद करेगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें