मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का फ़ैसला पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी को करना है। दोनों ही राज्यों में विधायक दल की अलग-अलग बैठकें हुईं और विधायकों ने आम सहमति से निर्णय किया कि मुख्यमंत्री चुनने की ज़िम्मेदारी गांँधी को ही दी जाए। उनका फ़ैसला उन्हें मंज़ूर होगा। इसके पहले बुधवार दोपहर मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाक़ात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। लेकिन राज्यपाल ने कहा कि वे पहले विधायक दल का नेता चुनें, उसके बाद वह उनके किसी दावे पर विचार कर सकती हैं।
महज औपचारिकता?
विधायक दल की थोड़ी ही देर चली बैठक में यह निर्णय कर लिया गया कि यह भार राहुल गाँधी पर छोड़ दिया जाए। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान बृहस्पतिवार को होने की संभावना है। विधायक दल की बैठक महज़ औपचारिकता थी, यह पहले से ही तय था कि मुख्यमंत्री चुनने का काम राहुल ही करेंगे। समझा जाता है कि राहुल गाँधी अगले लोकसभा चुनावों और उसकी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए यह फ़ैसला करेंगे। वे किसी गुट को नाराज़ करना नहीं चाहेंगे। यह भी समझा जाता है कि पुराने और मंझे हुए नेता को तरज़ीह दी जाएगी। इस लिहाज़ से कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत की संभावना अधिक है। पार्टी में एकता दिखाते हुए राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने पहले ही कह दिया है कि पार्टी जो भी फ़ैसला करेगी, वे उसे ही मानेंगे और पार्टी जो ज़िम्मेदारी सौंपेगी, उसे पूरा करेंगे। इसके पहले ही मध्यप्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कह दिया था कि उनका दल सरकार बनाने की दावेदारी पेश नहीं करेगा क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं है।
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