क्या इस बार राम की जन्मभूमि अयोध्या में रामनवमी का मेला नहीं लगेगा? क्या मेला तो लगेगा लेकिन उसमें बहुत ही कम लोग आएंगे और ज़्यादातर लोग अपने-अपने घरों में पूजा हवन करेंगे?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने देश के श्रद्धालुओं और संत धर्माचार्यों से अपील की है कि वे अपने-अपने घरों में रामनवमी मनाएं। हालांकि उन्होंने मेले में आने से किसी को मना नहीं किया है, पर उनके कहने का आशय यही है।
प्रशासन की कोशिश
पर्यवेक्षकों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के देखते हुए प्रशासन नहीं चाहता कि मेले में बड़ी तादाद में लोग आएं। लेकिन उसके मना करने से लोग भड़क सकते थे, इसलिए महंतों से यह अपील करवाई गई है।इसे इससे भी समझ सकते हैं कि शुक्रवार को ज़िला प्रशासन की पहल पर अयोध्या में एक बैठक हुई, जिसमें संतों ने भाग लिया। इसमें यह प्रस्ताव रखा गया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र रामनवमी के मौके पर क्या किया जाए। उसके बाद ही संतों ने यह अपील जारी की है।
महंत ने कहा कि समाज जब सुरक्षित रहेगा तभी राष्ट्र और उसको संचालित करने वाली संस्थायें, मठ-मंदिर मेले और परंपराएं जीवित रहेंगी। इसलिए, स्वंय सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें, भीड़ से बचें।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना वायरस से बचने की अपीलों का सम्मान करें।
विहिप की अपील
इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बयान जारी कर कहा है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी का शिकार हो रही है। इस प्रकार के महासंकट का सामना हमारा देश भी कर रहा है। पहले भी इस तरह की महामारी का शिकार भारत हो चुका है। महंत ने कहा :
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‘राष्ट्र हम सब का है, भारत माता सर्वोपरि हैं। हम सभी इसके शुभचिंतक हैं। हम लोगों ने इसे बचाने के लिए कई तरह के संघर्ष भी किये हैं। आज फिर एक बार इस महामारी से संघर्ष करने की ज़रूरत है।’
महंत नृत्य गोपाल दास, अध्यक्ष, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
उन्होंने यह भी कहा कि यह संकट भी कुछ दिनों में ही ख़त्म हो जायेगा। इसलिए थोड़े सी आत्मसंतुष्टि के कारण समाज का बलिदान राष्ट्रहित में नही होना चाहिए।
महंत ने अपील की, ‘चैत्र नवरात्रि और भगवान श्रीराम लला के परंपरागत जन्मोत्सव पर्व पर मठ-मंदिर घर-घर पूजन अनुष्ठान के द्वारा देश समाज में शान्ति के लिए हम सभी श्रद्धा निवेदन करें।’
उन्होंने यह भी कहा कि ‘इस गंभीर संकट में शासन प्रशासन जो भी समाज हित में निर्देश देगा, उसका पालन करना हमारा कर्तव्य है। इसलिये स्वंय सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित करें।’
वीएचपी ने रद्द किए कार्यक्रम
कोरोना को लेकर वीएचपी ने राम महोत्सव का आयोजन स्थगित कर दिया है। अब यात्राएं व गोष्ठी के कार्यक्रमों के आयोजन नहीं होंगे। राम महोत्सव को देश के पौने तीन लाख गाँवों में आयोजित करने का कार्यक्रम था। यहाँ की परम्परागत राम कोट वार्ड परिक्रमा 24 मार्च से होने वाली थी। इस परिक्रमा में राम जन्म भूमि परिसर के साथ हनुमान गढ़ी और कनक भवन मंदिर भी आते हैं।
लेकिन बीजेपी नेता व पूर्व सांसद विनय कटियार ने पीएम की कोरोना अपील के मद्देनज़र इसे रद्द करने की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने यह माहौल इसलिए बनाया कि संत समाज कोरोना संकट को राष्ट्रीय संदेश मानकर ख़ुद मंदिरों में श्रद्धालुओं के न आने की अपील कर दे। इससे योगी सरकार पर 15 लाख की भीड़ वाले राम नवमी मेले पर रोक लगाने का आरोप नहीं लगेगा।
प्रशासन की यह तरकीब काम आई। साधु संतों ने अपील जारी कर दी है, ख़ुद विहिप ने अलग अपील जारी की है। लेकिन यह सवाल तो बचा हुआ है कि इन अपीलों का क्या असर होगा और कितने लोग रामनवमी मेले में अयोध्या आएंगे।
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