पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड मुदासिर अहमद ख़ान को एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया गया है। सुरक्षा बलों के अधिकारियों के मुताबिक़, दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाक़े में रविवार रात को हुई मुठभेड़ में आतंकवादी को मार गिराया गया। मुठभेड़ में मुदासिर के साथ दो और आतंकवादियों को भी मार गिराया गया है। तीनों आतंकवादियों के शव बुरी तरह जल गए हैं और उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में भारत के 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे।
सुरक्षा बलों को त्राल के पिंगलिश इलाक़े में आतंकवादियों के छुपे होने की ख़बर मिली थी, जिसके बाद उन्हें ढूंढने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया था। लेकिन आतंकवादियों की ओर से फ़ायरिंग करने के बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया और तीनों को मार गिराया।
जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादी मुदासिर को ही पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने कहा कि 23 साल का मुदासिर ग्रेजुएट था और पुलवामा का ही रहने वाला था।
ग्रेजुएशन करने के बाद मुदासिर ने एक साल का आईटीआई डिप्लोमा भी किया था। पुलवामा हमले को अंजाम देने के लिए जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था, उस गाड़ी और विस्फोटक का इंतजाम मुदासिर ने ही किया था।
त्राल के मीर मोहल्ला इलाक़े में रहने वाले मुदासिर ने 2017 में जैश के लिए काम करना शुरू किया था और कुछ समय बाद नूर मुहम्मद की मदद से वह पूरी तरह से आतंकवादी संगठन के लिए काम करने लगा। बताया जाता है कि नूर मुहम्मद ने ही घाटी में जैश का नेटवर्क खड़ा किया था।
अधिकारियों के मुताबिक़, पुलवामा हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी आदिल अहमद डार मुदासिर के संपर्क में था। आदिल अहमद डार ने ही विस्फोटकों से लदे वाहन को सीआरपीएफ़ के काफ़िले से टकराया था।
बताया जाता है कि फ़रवरी 2018 में सुजावां स्थित सेना के कैंप में हुए हमले में भी मुदासिर का हाथ था। जनवरी 2018 में लेथपोरा के सीआरपीएफ़ कैंप पर हुए एक हमले में भी मुदासिर का हाथ माना जाता है। पुलवामा हमले की जाँच कर रही एनआईए ने 27 फ़रवरी को मुदासिर के घर की भी तलाशी ली थी।
पुलवामा हमले में इस्तेमाल की गई मारुति इको मिनी वैन को जैश के ही एक आतंकवादी ने हमले से 10 दिन पहले खरीदा था। इस आतंकवादी की पहचान दक्षिणी कश्मीर के बिजबेहारा इलाक़े के रहने वाले सज्जाद बट के रूप में हुई थी। हमले के बाद से ही सज्जाद फ़रार है और माना जा रहा है कि अब वह एक सक्रिय आतंकवादी बन चुका है।
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