राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बृहस्पतिवार को युनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) में शामिल हो गए। इसके साथ ही अगले लोकसभा चुनावों के पहले बनने वाले राजनीतिक समीकरण में एक नया बिन्दु जुड़ गया।
कुशवाहा ने कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस और विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में यूपीए में शरीक होने का एलान किया। कुशवाहा कुछ दिन पहले तक केंद्र सरकार में मंत्री थे। उन्होंने पद से इस्तीफ़ा देकर बीजेपी की अगुआई वाले मोर्चे को छोड़ने की घोषणा की थी।
उन्होंने जिस समय यूपीए में शामिल होने का एलान किया, वहां विपक्षी नेता शरद यादव, आरजेडी के तेजस्वी यादव और कांग्रेस के अहमद पटेल मौजूद थे।
कुशवाहा ने यूपीए में शामिल होने का एलान ऐसे समय किया है जब बिहार की राजनीति में उनके प्रतिद्वंदी समझे जाने वाले रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने सीटों के बँटवारे पर जल्द फ़ैसला करने के लिए बीजेपी पर दबाव डाला है। एलजेपी के नेता और पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कुछ दिन पहले ही बीजेपी को अल्टीमेटम दिया कि वे सात जनवरी तक कोई निर्णय ले लें वर्ना एलजेपी गठबंधन से बाहर आ जाएगी।
कुशवाहा ने भी एनडीए तब छोड़ा जब सीटों के बँटवारे पर उनकी बात नहीं बनी। वे लोकसभा चुनावों के लिए कम से कम पाँच सीटें चाहते थे, पर बीजेपी उन्हें दो से ज़्यादा सीट देने को तैयार नहीं थी।
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