रिज़र्व बैंक के बाद अब दुनिया की मशहूर प्रबध सलाहकार कंपनी मैंकिजे ने कहा है कि चालू साल में भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 3 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है।
कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर यह हुआ कि अर्थव्यवस्था मई से जस की तस ठहरी हुई है। अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाले 16 में से 14 इंडीकेटर दिखा रहे हैं कि हालत बदतर है।
रिज़र्व बैंक ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 2020 में बैंक धोखाधड़ी की रक़म दोगुनी हो गई है। इस वित्तीय वर्ष में 1.85 ट्रिलियन यानी क़रीब 18 खरब 50 अरब रुपये की धोखाधड़ी होने की रिपोर्ट सामने आई है।
कश्मीर रियाद के लिए बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। वह इस पर एक सीमा से आगे नहीं जा सकता। पाकिस्तान और सऊदी अरब के हित अलग-अलग हैं और अब उनके रास्ते भी अलग हो रहे हैं।
लॉकडाउन की घोषणा या उससे पहले नौकरियों के बारे में जिस तरह की आशंकाएँ जताई जा रही थीं, ठीक वैसा ही असर हुआ है। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से जुलाई तक 1 करोड़ 89 लाख वेतन भोगी लोगों की नौकरियाँ चली गई हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए तीन उपाय सुझाए हैं। उनका मानना है कि आर्थिक संकट को और गहराने से रोकने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को ये उपाय तुरन्त करने चाहिए।