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एनसीबी पर नवाब मलिक का हमला, पूछा, फ़्लेचर पटेल से क्या संबंध हैं?

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। नवाब मलिक का कहना है कि समीर वानखेडे ने एनसीबी के अलग-अलग तीन केसों में फ़्लेचर पटेल नाम के शख्स को गवाह बनाया था, लेकिन पटेल और समीर वानखेडे के आपस में संबंध पहले से ही है। वानखेडे  पटेल के कई कार्यक्रम में भी जाते रहे हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जिस व्यक्ति के साथ समीर वानखेड़े के घरेलू संबंध हैं, उसको ड्रग्स के मामलों में गवाह कैसे बना दिया। नवाब मलिक ने एक लेडी डॉन का भी जिक्र किया है, जिसके फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों से संबंध बताए जाते हैं।

जबसे शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को एनसीबी ने गिरफ़्तार किया है, नवाब मलिक ने एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर आरोपों की बौछार कर दी है। 

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क्या कहना है मलिक का?

मलिक ने समीर वानखेड़े पर अब एक और गंभीर आरोप लगाया है। मलिक का कहना है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मुंबई यूनिट ने 25 नवंबर 2020 को सीआर नंबर 38/20 के तहत ड्रग्स का एक मामला दर्ज किया था। इस केस में  फ़्लेचर  पटेल नाम के शख्स को गवाह बनाया गया था।

aryan khan drugs case : Nawab Malik slams NCB - Satya Hindi

इसके बाद एनसीबी की टीम ने समीर वानखेड़े के नेतृत्व में 9 दिसंबर 2020 को सीआर नंबर 16/20 के तहत एक और ड्रग्स की कार्यवाही की और इस केस में भी फ़्लेचर  पटेल को गवाह दिखाया। 

एनसीबी ने 2 जनवरी 2021 को एक और ड्रग्स की कार्रवाई की, जिसमें सीआर- 2/21 के तहत मामला दर्ज किया गया। नवाब मलिक ने कहा कि इस केस में भी समीर वानखेडे ने पटेल को गवाह के तौर पर दिखाया था।

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मलिक ने कहा कि एनसीबी को यह पूरा अधिकार है कि वह ड्रग्स की जानकारी देने वाले किसी भी शख्स को अपने पंचनामा के दौरान गवाह बना सकता है, लेकिन तीन अलग-अलग केसों में एक ही व्यक्ति को गवाह बनाने से समीर वानखेड़े पर सवाल खड़ा होता है। 
नवाब मलिक का कहना है कि फ़्लेचर पटेल के साथ वानखेड़े के घरेलू संबंध हैं, इसलिए हर केस में उसे गवाह बनाया है।

इसके साथ ही नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े और पटेल की एक तसवीर जारी करते हुए कहा कि  फ़्लेचर  ने समीर वानखेडे को अपने एनजीओ सैनिक फेडरेशन के एक कार्यक्रम में बतौर चीफ़ गेस्ट बुलाया था। 

नवाब मलिक का कहना है की समीर वानखेडे ने जिस शख्स को अपने ड्रग्स के केस में गवाह बनाया, वानखेड़े उस शख़्स के कार्यक्रम में कैसे पहुँच गए? क्या इससे यह साबित नहीं हो जाता है कि समीर वानखेडे और फ़्लेचर पटेल के बीच में पहले से ही घरेलू संबंध हैं?

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महिला डॉन

नवाब मलिक ने इसके साथ ही फ़्लेचर पटेल और एक महिला की तसवीर जारी करते हुए सवाल किया है कि आखिरकार यह महिला डॉन कौन है?

मलिक ने खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों से जानकारी मिली है कि यह महिला पेशे से वकील है और इसकी एक लॉ फर्म भी है।

इस महिला के साथ फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों से संबंध हैं और अक्सर इसके दफ़्तर में फिल्म इंडस्ट्री के लोग दिख जाते हैं।

नवाब मलिक ने पटेल और कथित लेडी डॉन पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों से उगाही करते हैं।

'एनसीबी में घोटाला'

मलिक ने कहा ड्रग्स के सभी केसों में एनसीबी द्वारा एक ही गवाह को रखना यह दर्शाता है कि एनसीबी में घोटाला चल रहा है और इस बारे में एनसीबी को जवाब देना पड़ेगा। 

मलिक का कहना है कि एनसीबी और फ़्लेचर पटेल जैसे लोगों से फ़िल्म इंडस्ट्री में दहशत का निर्माण हो रहा है। मलिक ने एनसीबी से सवाल पूछते हुए कहा कि उन्हें इस बात का खुलासा करना होगा कि आखिरकार हर केस में एक ही गवाह को पंच क्यों बनाया गया है।

फ़्लेचर पटेल का जवाब

सत्य हिंदी ने  फ़्लेचर पटेल से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। पटेल का कहना है कि वह भारतीय सेना से रिटायर हैं और समाज की भलाई के लिए अपने एनजीओ सैनिक फेडरेशन के तहत बच्चों को ड्रग्स से कैसे छुटकारा पाया जाए, इसकी ट्रेनिंग देते हैं। इसके अलावा सैनिकों की भलाई के लिए भी वह काम कर रहे हैं।

सत्य हिंदी ने जब पटेल से एनसीबी के केसों में गवाह बनने के बारे में पूछा तो पटेल ने कहा कि किसी केस में गवाह बनने में क्या बुराई है। उन्होंने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की तारीफ करते हुए कहा की वह समाज के हित में अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों को वह दरकिनार करते हैं।

सत्य हिंदी ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से भी उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन वानखेड़े से उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। 

लेकिन नवाब मलिक द्वारा एनसीबी पर लगातार हमले किए जाने पर अब एनसीबी की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।

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सोमदत्त शर्मा

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